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    MODI : मोदी आधुनिक नीरो है


    "मोदी आधुनिक नीरो है"

    Lalu Prasad Yadav @ModiLeDubega
    1st Sept. 2017 New Delhi
    वतन से प्यार करने वाले
    वतन पे जां निशार करते है
    जालिम वो लोग होते है जो
    वतन को जलाकर सिर्फ
    अपना प्रचार करते है: लालु 

    जी हाँ यह पंक्ती उन तमाम लोगो के लिए है जो अपने को देशभक्त बताते हैं लेकिन सच्चाई इसके विपरीत होती है। इसलिए मैने मोदी की तुलना आधुनिक नीरो के रूप में करने जा रहा हूँ। लेकिन उसके पहले मैं चाहुंगा कि नीरो के बारे में कुछ संक्षिप्त जानकारी दे दूँ। नीरो रोम का शासक था जिसने 15 दिसम्बर 37 ई0 से 9 जून 68 ई0 तक रोम का शासक रहा। इसने रोम वासियो को बहुत सारे सपने दिखाकर अपनी माता की मदद से रोम का शासक बना था। लेकिन बहुत जल्द ही इसकी असलियत रोम वासियो को पता चल गया कि वह एक क्रूर शासक है और सनकी भी। नीरो के बारे में कहा जाता है कि इसने अपनी तीन पत्नियो को मौत के घाट उतार दिया और बाद में अपनी माता का भी। 64 ई0 में रोम मे अत्यंत रहस्यमय ढंग से आग की लपटे भड़क उठी जिसमें आधे से अधिक नगर जलकर नष्ट हो गये। नीरो सब खड़ा होकर तमाशा देख रहा था यहाँ तक कि वह बंशी बजा रहा था। तभी से इस किंवदंती का शुरूआत हुआ कि "रोम जल रहा था और नीरो वंशी बजा रहा था"






    आइये अब लौटते हैं मुख्य मुद्दे पर कि "मोदी आधुनिक नीरो है" इसके लिए आपको 2013-14 में जाना होगा, आपने देखा होगा मोदीजी ने कैसे कैसे पूरे देश को सपने दिखाये,चाहें वो भ्रष्टाचार हो, नारी सुरक्षा हो, महँगाई हो या काला धन या वगैरह वगैरह। मतलब हर समस्या का तोड़ उनके पास था। जनता भी उनके झांसे में आ गई ये जानते हुए कि ये आदमी RSS का प्रचारक रहा है और जिसके मुख्यमंत्री काल में 2002 का गोधरा कांड हुआ था फिर भी देश की जनता ने इन्हे सत्ता सौंप दी फिर क्या था कुछ दिन तो समझने मे बीता कि भाई CM से PM बन गये अब हमारे क्या क्या पावर है मैं क्या कर सकता हूँ और फिर कुछ दिनो में लौट आये अपने असली एजेंडे पर जो पहले छिपा रखे थे और देश में शुरू हुआ नीरो वाला खेल।चलिए एक एक कर बताते चलते हैं कि मोदी आधुनिक नीरो कैसे है
    (कश्मीर में स्कूली छात्रा पत्थरबाजी करते हुए)

    (सेना के साथ पत्थरबाजी करते कश्मीरी युवक)

    कश्मीर के हालात
    मनमोहन सिंह के 10 साल में कश्मीर लगभग शांत हो चुका था घाटी में शान्ती लौटने लगी थी स्कूल काॅलज सुचारू रूप से चल रहे थे। पर्यटन उद्योग फलफूल रहा था युवाओं को रोजगार मिल रहे थे यूं कहें तो कश्मीर बिल्कुल शान्त था। फिर J&K में चुनाव हुए और भाजपा ने PDP के साथ घाटी में सरकार बनाया और नतीजा आपके सामने है आपको शायद याद होगा कि कश्मीर में लगभग 4 महीने से ज्यादा दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा, इस दौरान कश्मीर के लोगों का जीवन बिल्कुल अस्त व्यस्त हो गया, सेना और युवाओ के बीच रोज पत्थरबाजी होने लगी , सेना ने पैलेट गन का भी प्रयोग किया जिससे हजारो युवक अंधे हो गया। एक के बदले दस सर लाने का वादा करने वाले आज आतंकवाद के खिलाफ कुछ नहीं कर पा रहे हैं। रोज हमारे सैनिक शहीद हो रहे है। कश्मीर के हालाता इतने खराब हो गये कि आज स्कूली छात्रा भी कलम उठाने के बजाय हाथो में पत्थर उठा लिया है और सेना से दो दो हाथ करने को तैयार है जिसकी फोटो मैने ऊपर पोस्ट की है। कश्मीर की ये हालात मोदी के अपरिपक्व कश्मीर नीती के कारण हुई।

    हरियाणा
    मोदी के 3 साल के कार्यकाल में हरियाणा 3 बार जला एक बार रामपाल के समय, दूसरा जाट आंदोलन के समय और तीसरा अभी अगस्त महीने में गुरू राम रहिम के जजमेंट के बाद। इन सभी घटनाओं में सैकड़ो लोगों की जान चली गई तथा अरबो रू के देश की संपति खाक हो गये लेकिन मोदी शाह ने कोई कारवाई नहीं कि और तीनो बार खट्टर का इस्तीफा नहीं लिया।






    सहारनपुर दंगा यूपी 

    मित्रों सहारनपुर दंगा ठाकुरो और दलितो के बीच हुआ था जिसमें भाजपा सांसद राघव लखन पाल की भूमिका थी, इसमें भी कई लोग मारे गए और सैकड़ों दलितो के घर दुकान फूँक दिये गये इसी घटना के दौरान भाजपा सांसद अपने समर्थकों के साथ SSP के घर धाबा बोल दिया था क्योकि उन्होंने ने दंगा रोकने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाद में SSP का तबादला कर दिया गया और दलित नेता चन्द्रशेखर जेल में बंद है लेकिन भाजपा सांसद खुलेआम घुम रहा है। इस दंगे मे यूपी और केन्द्र सरकार मूकदर्शक बनी रही और मौत का तांडव चलता रहा।

    गोरखपुर की घटना
    ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ते बच्चे 

    ममानवता को शर्मसार करने वाली घटना देश के इतिहास में पहली बार गोरखपुर के BRD अस्पताल में घटी जहाँ ऑक्सीजन के अभाव में अबतक लगभग 290 बच्चो ने दम तोड़ दिया और योगी मोदी सरकार मौत का तमाशा देखती रही। इससे भी नही रहा गया तो मंत्री से लेकर मुख्य मंत्री तक बेशर्मी से बेतुके बयान देते रहे। कोई कहता है अगस्त में तो बच्चे मरते ही है वही योगी जी स्वयं कहते है कि बच्चो की मौत ऑक्सीजन के कमी के कारण हुई। ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले संस्था के 7 रिमाइन्डर के बाद भी योगी सरकार ने 63 लाख रू नहीं दिये जिससे कंपनी ने ऑक्सीजन देना ही बंद कर दिया और नतीजा पूरा देश ने देखा। यह मोदी सरकार जो प्रचार पर 11 हजार करोड़ खर्च करती है वो गरीब गुरबा के बच्चो के लिए 63 लाख ऑक्सीजन के लिए नहीं देती है और सैकड़ों बच्चो की जान चली जाती है। हैरानी तो तब होती है बात बात पर ट्वीट करने वाले मोदीजी दो दिन मौन धारण कर लिये जैसे इनको पता ही नहीं हो कुछ। नीतीश के इस्तीफे और गजेन्द्र की मृत्यु पर 5 मिनट मे ट्वीट करने वाले मौनी बाबा बन जाते हैं और बैठ कर मौत का तमाशा देखते हैं कल की सूचना है कि झारखंड में सैकड़ों बच्चो की मौत हुई है।

    बिहार, आसाम, यूपी, बंगाल में बाढ 
    बिहार बाढ में मारे गए लोग






    देश के आधा हिस्सा भयंकर बाढ की चपेट में है लोगों का जीना मुहाल है अकेले बिहार में 454 लोगों की जान चली गई और करोड़ों लोग प्रभावित हुए हैं लाखों लोगों के घर बीबी बच्चे मकान दुकान जानवर सब बाढ में बह गये लोग भूख से बिलख रहे हैं लेकिन राहत के नाम पर चारो तरफ लुट मची है। यही हाल आसाम, यूपी, बंगाल और अन्य राज्यो का है।

    गौरक्षको का आतंक 
    कश्मीर में गौरक्षको द्वारा वृद्ध की पिटाई
    जब से मोदी सरकार आयी है देश में गौरक्षको के आतंक का बाढ आ गया है आये दिन कभी राजस्थान में तो कभी झारखंड तो कभी यूपी में यूं समझिये देश मे कानून नाम की चीज नहीं, कोई कोर्ट कचहरी नहीं किसी को कोई डर नहीं, राह चलते गौरक्षक जिसे चाहे पीट कर मार दे। इसी का नतीजा पहलू खां, और पता नहीं कितने और। लेकिन मोदी ने सिर्फ खानापूर्ति की कभी कारवाई नहीं की। किसी को कड़े संदेश नहीं दिये हम यह कह सकते है कि सता का गौरक्षको को मौन समर्थन प्राप्त हो। धर्म आधारित मौत का सिलसिला भी चला जिसमें जुनैद अखलाक जैसे लोग बीफ के शक में मार दिये गये। मतलब मौत का नंगा नाच खुलेआम चल रहा है। और सारे लोग तमाशा देख रहे हैं।

    मुद्दे और भी है लेकिन समयाभाव के कारण वर्णन नहीं कर पा रहा हूँ इसलिए रेल दुर्घटना, नोटबंदी, दलित पर अत्याचार छोड़ रहा हूँ। अब आइये इस दौरान मोदीजी क्या किये उसके बारे चर्चा करते है।

    ऊपर मैने जितनी घटनाओं का वर्णन किया उस दौरान मोदीजी ने क्या कभी दुख व्यक्त किया? कभी अपनी मन की बात स्थगित की? कभी अपना विदेश दौरा रद्द किया? आपको जानकर हैरानी होगी कि मोदीजी ने 3 सालों में कुल 58 देशों की यात्रा की। इधर लोग मर रहे थे मोदीजी विदेश यात्रा पर थे, इधर गोरखपुर में बच्चे मर रहे थे तो मोदीजी लाल किले से भाषण के लिए अपनी ड्रेस और मेकअप कर रहे थे। देश बाढ में डूब रहा था, पंचकुला जल रहा था मोदीजी मन की बात कर रहे थे। पूरा देश त्राहीमाम कर रहा है था मोदीजी तिरंगा यात्रा की झाँकी पोस्ट कर रहे हैं थे। आप ज्यादा नहीं पिछले 3 महीने के रूटीन का विश्लेषण करे कि उन्होंने कब लोगो के दुख में शरीक होकर अपने एजेंडे से हटे। पूरा देश आज मे जी रहा है और वो 2019 की तैयारी में जुटे हैं। जनता मरे तो मरे, बच्चे मरे तो मरे, अर्थ व्यवस्था डूबे तो डूबे उन्हे तो झूठा प्रचार करना है। अगर मेरी बातो पर यकीन नहीं तो अगस्त में गोरखपुर घटना, रेल दुर्घटना, पंचकुला जैसी घटना घटी आप मोदीजी का ट्वीटर हैंडल खोले और समझने का प्रयास करें।

    ऊपर के घटित घटनाओं और मोदीजी की अपने धुन में रमे रहने के आधार पर हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि "मोदी आधुनिक नीरो है" क्योकि देश जल रहा है और मोदीजी चैन की वंशी बजा रहे हैं।

    लालू प्रसाद यादव राजद अध्यक्ष

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