मोदी पचीसी - भक्तों के लिए आनंदकारी एवं भावविभोर कर देने वाला चमत्कारी यन्त्र!
मोदी पचीसी - भक्तों के लिए आनंदकारी एवं भावविभोर कर देने वाला चमत्कारी यन्त्र!
मोदी पचीसी का कवर पेज
श्री फेंकू मुख वचन श्रवण करि चकरी लियो मंगाय
सेंटर फ्रेश फैल भयो मुख पर सको न लगाम लगाय
बुद्धिहीन भक्तन कू जानि के फेंके निरंतर नरेंद्र भाय
नट्टी सेंट्रल के चिरकुटन सराहें सकल पॉलिसी उपाय
हे मोदी मिथ्या के सागर। तेरो मिथक तिंहुलोक उजागर।।
क्रोनीदूत अतुलित छलधामा। जनता को रोज बनाओ मामा।।
अगणित भ्रष्ट-लंठ तिकड़मी। लोभी लंपट तेरो हामी।।
मेकअप औ डिज़ाइनर वेशा। एक नहीं बहु तुमरो भेषा।।
सेल्फ़ी-पिपासु कैमरा प्रेमी। भक्त तेरे प्रलाप के नेमी।।
आयरनी जनक गल्प के पोषक। नमो तुम डबलस्पीक के द्योतक।।
तुम अंबानी सेवक अति चातुर। अडानी काज करिबे को आतुर।।
भीम रूप धरी तुम दहाड़े। सीमा पर पाक रोज ललकारे।।
लाये साड़ी शीश नहीं आये। शहीद हेमराज गए भुलाये।।
नीतापति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुमने हुलस के “नीति” बनायी।।
धनकुबेरों के धन बढ़ाये। कालाधन नहीं ला पाये।।
तुम उपकार गौतम पर कीन्हा। बैंक ने उसे अथाह लोन दीन्हा।।
तुमरो मंत्र अडवाणी ना माना। बन मार्गदर्शक पड़ा पछताना।।
एकड़ सहस्त्र गुजरात की भूमि। क्रोनी लील्यो घूमी-घूमी।।
भूमि अधिग्रहण कानून तुम लाये। किसानों को चिंता रही सताये।।
एंटीला दुआरे तुम रखबारे। चौकीदारी करो संभारे।।
सेंटर फ्रेश फैल भयो मुख पर सको न लगाम लगाय
बुद्धिहीन भक्तन कू जानि के फेंके निरंतर नरेंद्र भाय
नट्टी सेंट्रल के चिरकुटन सराहें सकल पॉलिसी उपाय
हे मोदी मिथ्या के सागर। तेरो मिथक तिंहुलोक उजागर।।
क्रोनीदूत अतुलित छलधामा। जनता को रोज बनाओ मामा।।
अगणित भ्रष्ट-लंठ तिकड़मी। लोभी लंपट तेरो हामी।।
मेकअप औ डिज़ाइनर वेशा। एक नहीं बहु तुमरो भेषा।।
सेल्फ़ी-पिपासु कैमरा प्रेमी। भक्त तेरे प्रलाप के नेमी।।
आयरनी जनक गल्प के पोषक। नमो तुम डबलस्पीक के द्योतक।।
तुम अंबानी सेवक अति चातुर। अडानी काज करिबे को आतुर।।
भीम रूप धरी तुम दहाड़े। सीमा पर पाक रोज ललकारे।।
लाये साड़ी शीश नहीं आये। शहीद हेमराज गए भुलाये।।
नीतापति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुमने हुलस के “नीति” बनायी।।
धनकुबेरों के धन बढ़ाये। कालाधन नहीं ला पाये।।
तुम उपकार गौतम पर कीन्हा। बैंक ने उसे अथाह लोन दीन्हा।।
तुमरो मंत्र अडवाणी ना माना। बन मार्गदर्शक पड़ा पछताना।।
एकड़ सहस्त्र गुजरात की भूमि। क्रोनी लील्यो घूमी-घूमी।।
भूमि अधिग्रहण कानून तुम लाये। किसानों को चिंता रही सताये।।
एंटीला दुआरे तुम रखबारे। चौकीदारी करो संभारे।।
मोटा भाई को नींद न आवै। जब “केजरू” का नाम सुनावै।।
नारी सुरक्षा का स्वांग रचो तुम। देश को ऐसे “निहाल” करो तुम।।
चारों ओर प्रपंच तुम्हारा। है प्रसिद्ध यू-टर्न सारा।।
साध्वी साक्षी के तुम रखबारे। सूचना निकंदन रामदेव दुलारे।।
सिद्धहस्त फेंकू डपोरशंखी। गंजों को तुम बेचो कंघी।।
स्मृति विदुषी तुमरे पासा। तुम पढ़ो पुदीनानाथ इतिहासा।।
तुमरे भजन शाह को भावै। “नमो-जाप” ही टिकस दिलावै।।
प्रगति और विकास के पापा। भाषण से हरें सकल संतापा।।
जो यह पढ़ै मोदी पचीसी। हंस-हंस निकले बाहर बत्तीसी।।
हर हर मोदी करे जो राष्ट्रवादी कहलाय
मोदी पचीसी लिखे सो देशद्रोही समझा जाय।।
P.S. 20-20 के जमाने में “मोदी चालीसा” की अपेक्षा ना करें|
Kumar Keshav
Senior Satirist
यायावर मन... इतना काफी नहीं है ?