आजादी
14 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि को भारत आजाद हुआ (तब से हर वर्ष भारत में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है)। जवाहर लाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने और 1964 तक उनका कार्यकाल जारी रहा। राष्ट्र की भावनाओं को स्वर देते हुए प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा, कई वर्ष पहले
हमने नियति के साथ निश्चित किया और अब वह समय आ गया है जब हम अपनी शपथ दोबारा लेंगे, समग्रता से नहीं या पूर्ण रूप से नहीं बल्कि अत्यंत भरपूर रूप से। मध्य रात्रि के घंटे की चोट पर जब दुनिया सो रही होगी हिन्दुस्तान जीवन और आजादी के लिए जाग उठेगा। एक ऐसा क्षण जो इतिहास में दुर्लभ ही आता है, जब हम अपने पुराने कवच से नए जगत में कदम रखेंगे, जब एक युग की समाप्ति होगी और जब राष्ट्र की आत्मा लंबे समय तक दमित रहने के बाद अपनी आवाज पा सकेगा। हम आज दुर्भाग्य का एक युग समाप्त कर रहे हैं और भारत अपनी दोबारा खोज आरंभ कर रहा है।
पहले, संघटक सभा का गठन भारतीय संविधान को रूपरेखा देना के लिए जुलाई 1946 में किया गया था और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को इसका राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया था। भारतीय संविधान, जिसे 26 नवम्बर 1949 को संघटक सभा द्वारा अपनाया गया था। 26 जनवरी 1950 को यह संविधान प्रभावी हुआ और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।