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    केरल: सरेआम की गौ हत्या, मचा हंगामा

    आज बनारस के प्रतिष्ठित ब्यक्तित्व के धनि डाक्टर कौशल किशोर मिश्र जी का ये पोस्ट देखा , हमारे गुरुवर है इस लिए कमेन्ट नहीं कर पाया आखिर प्रभु आप सरेआम गोहत्या करके दिखाना क्या चाहते हैं, और कितना नफरत फैलाना चाहते हैं आप ??

    केरल में गोहत्या का मामला सामने आया है। बीजेपी के अध्यक्ष राजशेखरन ने गोहत्या का ये वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा कि सरेआम यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गोहत्या की।

    Cruelty at its peak.Cattle slaughtering by Kerala Youth Congress leader in broad daylight,in front of public gathering. pic.twitter.com/4gBWUVDa1l
    - KummanamRajasekharan (@Kummanam) May 27, 2017
     
    बीजेपी नेता द्वारा शेयर इस वीडियो पर काफी हंगामा मचा हुआ है। राजशेखरन के इस वीडियो को दिल्ली के बीजेपी प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा ने भी रिट्वीट किया है।तेजिंदर बग्गा ने इस वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा कि कांग्रेस ने ना केवल गोहत्या की है बल्कि 100 करोड़ हिन्दुओं को चुनौती भी दी है और इसके साथ ही हिन्दुओ की धार्मिक भावनाओं को भड़काने के काम किया है।

    हालांकि बीजेपी द्वारा शेयर किये गोहत्या के इस वीडियो पर अब तक कांग्रेस की तरफ से कोई सफाई नहीं पेश की गई है और ना ही कोई प्रतिक्रिया भी व्यक्त की गई है। केरल में चुनाव नजदीक है । गाय घटना किसकी उपज है ? डरो मत साफ साफ बताओ । कांग्रेस कांग्रेस क्यों चीख रहे हो , कांग्रेस ने निंदा की है । अपने बारे में बताओ ।केरल में सरेआम गाय काटने के हम सब खिलाफ है। कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए, यह दोगलो की साजिश है। फिलहाल केरल प्रदेश युवक कांग्रेस कमेटी भंग कर दी गयी है।

    सच्चाई बाहर आनी बाक़ी है! क्यों की विडियो देखने के बाद कुछ भी साफ नहीं होता है, अबे विडियो तो HD क्वालिटी का बनाते, खैर लेकिन जिसने किया है वह बहुत गलत है! बस आप की भावना है की काग्रेस को बदनाम करना और आज जनसत्ता ने भी काग्रेस के लिए लिखा है पर आप की जानकारी क्लियर कर दू की वहा सरकार किसकी है. गूगल कर ले जो खोजने पर मिला वो है की पशुवध के लिए मवेशियों की खरीद- फरोख्त पर प्रतिबंध लगाने वाले केंद्र सरकार के फैसले के कारण लोगों के आहार व किसानों की आजीविका पर पडने वाले दुष्प्रभावों को लेकर शनिवार को केरल के कई इलाकों में विरोधस्वरूप बीफ फेस्ट्स आयोजित हुए। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा करने की बात कही है।

    माकपा नीत एलडीएफ, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ और इनकी युवा शाखाओं ने राज्यभर में मार्च निकाले और बीफ फेस्ट्स का आयोजन किया। केरल में गाय और भैंस दोनों के मांस को ही बीफ के रूप में जाना जाता है। यहां यह धर्म से जुडा मामला भी नहीं है। अधिकांश हिंदू यहां बीफ खाते हैं। प्रदशर्नकारियों ने इसके विरोध में केरल की राजधानी तिरूवनंतपुरम स्थित सचिवालय के बाहर प्रदर्शन भी किए। इतना ही नहीं, उन्होंने बीफ पकाया और उसे सडकों पर लोगों में बांटा।

    विरोध प्रदर्शन के बारे में डीवाईएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद रियाज ने इस बाबत कहा कि हम केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए बीफ खाएंगे। हम यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहते हैं। कोल्लम जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में डीसीसी दफ्तर के बाहर बीफ पकाया।अभी तक की खबर। यह कंफर्म नही कि गाय का अथवा भैंस का। क्योंकि केरल मे दोनो को बीफ ही कहा जाता है।

    मुद्दा ये है की नीचता की पराकाष्ठा, जी करता है कि आप लोगो के सामने सर फोड़ लू

    हाला की सोसल मिडिया पर ये बात भी चली थी की  एक #फ़र्ज़ी_वीडियो (इसमें केरल में यूथ कांग्रेस के एक नेता को सड़क पर गाय काटते हुए बताया गया है) देश भर में व्हाट्स एप के बीस करोड़ी नेटवर्क से वायरल किया गया है । तमाम ऐसे लोग जो किसी भी ऐसी अफवाह को निगलने और विषवमन के आदी हैं काम पर लग गये हैं । #संघी_चैनलों (#जी_न्यूज़_जैसों) ने हवा भरनी शुरू कर दी है । कांग्रेस प्रवक्ता अभय दूबे के लाख सफाई देने कि यह वीडियो जाली है फ़र्ज़ी है चैनल के टिकर पर चल रहा है "कांग्रेस का हाथ कसाइयों के साथ "! मैं आजकल लगातार कह रहा हूँ कि हम अपराधियों के चंगुल में फँस गये हैं । मीडिया उनका टूल है ! #सावधान_यह_अफवाह_है ........... Sheetal P Singh

    लगे हाथ आप इलाज कीजिये

    मैं खाता हूं गोमांस, कोई रोक सकता है क्या: रिजिजु

    अरे भाई हम कह रहे है की  पुलिस में रिपोर्ट करना चाहिये यदि कोई अपराध हो।कानून हाथ में लेना गलत है। इंदिरा गांधी ने पाबन्दी लगाई थी। सिर्फ संघ इस बात को मुद्दा बनाता आया ।24 राज्य में बैन है लेकिन कई राज्यों में नहीं,केरल उसमे से एक है।हैदराबाद में पहले अकबरुद्दीन ओवैसी ने बीफ पार्टी की थी। केरल वो जगह है जहां हिन्दू बीफ खाते हैं ,लेकिन इतना गुस्सा क्यों।
    Jagadishwar Chaturvedi जी कहते है की संविधान के​ लक्ष्यों को पाने के लिए संघियों ने कुछ नहीं किया उल्टे हल्ला कर रहे हैं गऊ गऊ!हाय मुसलमान हाय मुसलमान! संविधान संविधान चिल्लाओ, हिन्दुत्व चेतना नहीं संविधान चेतना पैदा करो। देश को बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक चेतना नहीं संविधान चेतना विकसित करनी होगी तब ही नागरिक चेतना पैदा होगी।देश को धर्म नहीं नागरिक धर्म चाहिए। अब लोग सजग हो रहे है, क्यों की हिंदी के धर्मनिरपेक्ष पत्रकार और लेखक इंटरनेट पर बड़ी संचार शक्ति बनकर सामने आए हैं,ये लोग प्रिंट मीडिया में भी बेहतरीन काम कर रहे हैं, इनके लेखन के कारण सोशल मीडिया में धर्मनिरपेक्ष संप्रेषण समृद्ध हुआ है,हम चाहेंगे ये लोग इसी तरह तेजगति से लिखते रहें, इनमें से कुछ के नाम हैं-
    कुलदीप कुमार, उर्मिलेश उर्मि,चंचल बीएचयू, शेष नारायण सिंह,शंभुनाथ शुक्ला,ओम थानवी,

    हमारी आरएसएस से वैचारिक लड़ाई है लेकिन उससे जुड़े​ लोग या उसके हमदर्द हमारे शत्रु नहीं हैं, वे हमारे मित्र हो सकते हैं। उधर भक्त फर्जी विडियो बना कर वायरल कर रहे है अबे जिन देशों में गोमाता काटी जाती है उन देशों से सम्बन्ध खत्म कर आक्रमण कर देना चाहिए, केरल में #गाय कटी -- भाजपाईयों की भावना को ठेस पहुंची , अबे सहारनपुर में #दलित बहनों के हाथ काटे ,छाती काटी,जब कमलगट्टो की भावना क्या घांस चरने गयी थी ??? #दलित_मां जितनी मर्जी कटे,बस #जानवर ना कटे ।। #सहारनपुर_हिंसा।।।

    उधर आज मन की बात में जवान बेटे ने घर में टीवी पर जब देश के पीएम का ये भाषण सुना कि 70 वर्षों से सत्ताधारी सरकारों ने कुछ नही किया, उन्होंने देश को लूटने का ही काम किया तब उस बेटे ने अपने पिता से पूछा की पापा क्या ये सत्य हैं ?

    क्या देश की जनता मुर्ख थी, जो मतदान करके ऐसी सरकारें चुनती रही ?? अगर सत्ताधारी प्रमुख ऐसे भ्रष्ट थे, तो उनको सजा क्यों नही मिली ? क्यों आज तक हम इन्हें महापुरुषों में गिनते हैं​ ? बेटे के ऐसे सवालों​ पर पिता ने कहा की बेटा इसकी हकीकत जाननी हे तो एक काम करते हैं, अपने पूरे परिवार के सदस्य कल बिजली, वाहन, मोबाइल, गैस रहित दिन मनाएंगे। और इनसे सम्बन्धित किसी भी वस्तु का प्रयोग नही करेंगे।

    अगले दिन प्रातः घर की महिलाएं कुए से पानी लाई, थके हाल लकड़ी जलाकर चूल्हे से खाना बनाया, पैदल ही 1 किमी दूर दूकान पर धंधा करने गए, बिना पंखे के गर्मी में बेहाल दूकान में व्यापार किया, आवश्यक होने पर भी व्यापारी और ग्राहक से बात करने मोबाइल का प्रयोग नही कर पाए, रात को पैदल ही थके-हारे​ घर आये, घर की महिलाएं दिनभर काम करके गर्मी में चूल्हे पर खाना बनाकर लथपथ हो गयी थी फिर लालटेन की रौशनी में सबने खाना खाया। और अंत में टीवी बन्द होने से जल्दी से सब सोने चले गये लेकिन गर्मी में बिना पंखे की नींद नही आयी तब घर के सभी सदस्य बोले पापा जी ऐसी जिंदगी तो अब एक पल भी ओर नही जी सकते, आगे कभी ऐसा प्रयोग नही करवाना।

    तब पापा बोले - बेटा तुम एक दिन में ही इतने अधीर हो गए तो सोचो आज से 50-60 वर्ष पूर्व तुम्हारे बाप-दादा ऐसी ही जिंदगी जीते थे। लेकिन ये आज की जो इतनी सुविधाओं की जिंदगी देख रहे हो वो हमारी चाहत, मेहनत और 60 वर्षों में देश की सत्ताधारी सरकारों के प्रयासो से प्राप्त हुई हैं। सड़कें, बिजली, हॉस्पिटल, स्कुल, गैस चूल्हे, दूरसंचार फोन की सुविधाए सब विभिन्न सरकारी प्रयासों से ही सम्भव हुई हैं।

    पिता की बातें सुनकर बेटा बोला कि - पापा 60 वर्षों में हमारी जिंदगी इतनी बदली अपना देश इतना बदला तो ये मोदी जी ऐसा क्यों बोलते हैं ??,
    पापा बोले- बेटा ये उनकी अज्ञानता और अहंकार हैं।
    मैं जो बता रहा हूं वो 60 वर्षों का अनुभव हैं जिसने इस भारत की विकास यात्रा को देखा है जो की सत्य भी हैं।

    फ़िलहाल उम्मीद है काग्रेस के प्रवक्ता अपना एजेंडा तय करेगे हम तो उम्मीद की दुनिया पर कायम है

    क्या आप सहमत हैं।#आरएसएस का अपना एक #हिंदुत्व है जिसका तैंतीस करोड़ देवी देवताओं वाले, सैकड़ों जातियों में बंटे, बहुतेरी भाषाओं, रीति रिवाज, परंपराओं, धार्मिक विश्वासों वाले उदार बहुसंख्यक समाज की जीवनशैली से कोई मेल नहीं है,आदिवासी और दलित भी उसके हिंदुत्व के खांचे में फ़िट नहीं हो पाते जो पलट कर पूछते हैं कि अगर हम भी हिंदू हैं तो अछूत और हेय कैसे हुए?

    अब लगे हाथ इस गन्दी विचारधारा के बारे में गिरीश मालवीय जी की पोस्ट
    आज मन की बात में मोदी जी ने एक बार फिर सावरकर को महान बताने में कोई कोर कसर नही छोड़ी ........................
    "जिन विनायक दामोदर सावरकर की विरासत आगे बढ़ाने का हिंदुत्ववादी दावा करते हैं- उन ‘स्वातंत्र्यवीर’
    सावरकर के बारे में यह बात भी विदित है कि अंडमान की अपनी जेल यात्रा के दौरान अंग्रेजों के सामने माफीनामा लिख कर देने में और उनके निर्देशानुसार बाद में अपनी गतिविधियां चलाते रहने में कोई गुरेज नहीं किया. (देखें, आरसी मजूमदार द्वारा लिखित किताब ‘पीनल सेटलमेंट्स इन अंडमान्स’ गैजेट्स यूनिट, डिपार्टमेंट ऑफ कल्चर, मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, 1975, पेज 221)
    जानने योग्य है कि हिंदू राष्ट्र के हिमायती इस गल्प को परोसते नहीं थकते कि जर्मनी रवाना होने के पहले सुभाषचंद्र बोस ने कथित तौर पर सावरकर से मुलाकात की थी. कहने का तात्पर्य यही होता है कि बोस ने जो किया उसे सावरकर का आशीर्वाद था. लेकिन वे कभी इस अंतर्विरोध से बाहर निकलने की भी कोशिश नहीं करते कि सावरकर ने कथित तौर पर बोस को शुभकामनाएं दी थीं और दूसरी तरफ सावरकर खुद उसी बर्तानवी फौज को मजबूती दिलाने के लिए उनके सेना भर्ती अभियान के सदस्य बने थे.

    मकसद यही था कि अधिक से अधिक हिंदुओं को बर्तानवी सेना में भर्ती किया जाए ताकि हिंदुओं के ‘स्त्रीकरण’ को उलटाया जा सके, जो सावरकर के मुताबिक, बर्तानवी शासन के दिनों से चल रहा था क्योंकि मार्शल कौमों को सेना में भर्ती करने को लेकर ब्रिटिश नीति चल रही थी. हिंदुओं की ब्रिटिश सेना में भर्ती उसमें हिंदू-मुस्लिम अनुपात को हिंदुओं के पक्ष में कर देगी और ऐसा अनुपात सावरकर के हिसाब से नई राष्ट्रीय सेना को ढालने में या उसकी वफादारी को सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक होगा. (देखें- द सैफ्रन वेव, पेज 249, थॉमस हानसेन, ऑक्सफोर्ड, 2001)

    क्या यह आश्चर्यजनक नहीं कि ऐसे तमाम कामों के बावजूद जिन्हें स्वतंत्रता आंदोलन से शुद्ध द्रोह कहा जा सकता है, विनायक दामोदर सावरकर को हिंदुत्व ब्रिगेड के मुरीद महान ‘देशभक्त’ बनाने की कोशिश में आज भी जुटे हैं.

    सिर्फ गीदड़ भभकी है...!

    क्यों प्रधानमंत्री जी गौरक्षको झून्ठी धमकी देकर देश को बेवकूफ बनाते हैं...?

    जगह जगह अब भी सरकारी साये में पल रहे भगवाधारी गोरक्षक गुंडे आये  दिन जगह जगह गौरक्षा के नाम पर लोगों को मार पीट रहे हैं...!

    कल ही उडीसा में इन गौरक्षको ने भुवनेश्वर में बीस गाय ले जा रहे दो युवकों को सरेआम जमकर पीटा...!

    कारण साफ नज़र आता है, बीजेपी  की उडीसा में आने वाले चुनावोँ में, सरकार बनाने के लिये धर्म के नाम पर लोगों में उन्माद फैला कर वोटों का ध्रुवीकरण कर वोट बटोरने की एक सोची समझी साजिश...!  

    दिल्ली में सरकार में आने के बाद से, बीजेपी का पिछले तीन साल का इतिहास बताता है कि ये हर उस राज्य में जहाँ चुनाव आने वाले होते हैं, वहां काफी पहले से ही धर्म के आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण की कवायद में लग जाति है...! और वो लोगों की धार्मिक को उभार कर ध्रुवीकरण करती है...! और उडीसा की ये घटना उसी कवायद की एक कड़ी है...!

    पूर्व में महाराष्ट्र, गुजरात,  असम, केरल, बंगाल, यूपी, उत्तराखंड आदि में बीजेपी ये सब कवायद कर चुकी है...!

    यूपी का जंगलराज : डिप्टी CM दिनेश शर्मा के कार्यक्रम में DM,SP के सामने भाजपाइयों में चली गोली !

    अबे कांग्रेस को सबक सिखाने के चक्कर में तुमलोगों ने #भल्लालदेव क्यों चुन लिया? फ़िलहाल राहुल जी का ट्विट आ चूका है केरल में जो भी हुआ वो विचारहीन और बर्बर है ये मेरे और कांग्रेस पार्टी के लिये पूर्णतः अस्वीकार्य है। हम ऐसी घटना कड़ी निंदा करते हैं - राहुल गाँधी

    भाजपा के गो प्रेम को नँगा करती हुई पोस्ट 👇👇

    हम तो बीफ (गोमांस) खायेंगे कोई रोक के दिखाए- किरण रिजिजू  (केंद्रीय राज्यमंत्री भाजपा) लिंक 👇👇

    गोमांस गोवा के लोगो का प्रिय व्यंजन है इस पर पाबंदी हमारे हित में नही - मनोहर पर्रिकर  (CM गोआ भाजपा)

    गोहत्या करने की मशीनों के लिए करोड़ो ₹ की सब्सिडी दी,  लिंक 👇👇

    बीफ निर्यातक कम्पनी से 50 लाख ₹ का चंदा भी ले लिया Link 👇👇

    मांस निर्यात में दी गयी सब्सिडी के तड़के से बीफ निर्यात में भारत बना नम्बर वन Link 👇👇

    मेघालय में अमित शाह के स्वागत में बीफ पार्टी भी रख ली Link 👇👇

    मप्र में जब काँग्रेस के मुस्लिम विधायक ने गोहत्या पर बेन का प्रस्ताव रखा तो भाजपा ने विरोध किया Link 👇👇

    जब आरएसएस की कोई हैसियत नही थी तब ही काँग्रेस ने कई राज्यो में बिना हंगामा किये गोहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया था,  राम, गाय, मुसलमान नही होते तो बीजेपी होती क्या ??
    ये प्रश्न खुद से करे जवाब मिल जाएगा!

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