Shruti Pande एसपी पांडे Palmist & spritual
श्री एसपी पांडे जी ( Shruti Prakash Pande ) उत्तर प्रदेश के बलिया के मूल निवासी, आप ने दिल्ली विश्वविद्यालय से भौतिकी (फिजिक्स) में मास्टर्स किया है लेकिन आप की खासियत है की आप पाम पढ़ने की शब्दावली (हस्त रेखा विज्ञानं ) में में पारंगत है जिसमे आप को ३० साल का अनुभव है समय के साथ, उन्होंने अपनी आशंका की कला में महारत हासिल की है और १९८० में हस्त रेखा विज्ञानं के क्षेत्र में दुनिया की मदद कर रहे हैं।आप के पिता जी स्वर्गीय श्री B.P.Pande जी ... उस ज़माने के MA -LLB
, जिस ज़माने में लोग शादी करने के लिए बैचलर करते थे उस समय का ये एजुकेसन (ILS जो किसी ज़माने में IAS से अलग हुवा करता था लेकिन अब ये IAS में मर्ज कर दिया गया है ) के वेल फेयर कमीसन से सेवा निविर्त हुवे , आप के बड़े भाई जो श्री V.P.Pande जी MTech from IIT delhi से से DRDO Director से सेवा निविर्त हुवे है , आप एक सफल उद्द्यमी बिजनेस मैंन जिन्हों ले एक प्रोफेसनली तरीके से ५० लोगो की एक टीम के साथ सञ्चालन कर रहे है
भौतिक विज्ञान का अर्थ है - प्रकृति का अध्ययन। प्रकृति में हम सम्पूर्ण ब्रह्मांड (universe) को सम्मिलित कर सकते है। प्रकृति के मूलभूत नियमों (fundamental laws ) एवं परिघटनाओं का अध्ययन हम जिस विषय के अंर्तगत करते है उसे हम विज्ञान की शाखा, भौतिक विज्ञान (physics) कहते है। अत: प्रकृति का अध्ययन (study of nature) ही भौतिक विज्ञान है।
हमारे चारों ओर होने वाली प्राकृतिक परिघटनाओं ( natural phenomenon) जैसे किसी पत्थर को उर्ध्वाधर ऊपर फेंकने पर वापस नीचे आना, पेड़ से पत्तियों का गिरना ,किसी पिंड को धक्का लगाने पर गतिशील हो जाना, पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की गति आदि का अध्ययन हम भौतिक विज्ञान में करते है। भौतिक विज्ञान में किसी परिघटना के अध्ययन से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर विशिष्ट नियम या सिद्धांत बनाये जाते है।उदाहरण के लिये जब किसी पिंड को पृथ्वी तल से ऊपर फेंका जाता है तो वह वापस नीचे आता है इसी आधार पर न्यूटन ने निष्कर्ष निकाला कि इस ब्रह्मांड में प्रत्येक पिंड दूसरे पिंड को आकर्षित करता है जो गुरुत्वाकर्षण का नियम ( newton law of gravitation) कहलाता है। प्राकृतिक परिघटनाएं विशाल पिंडो जैसे पृथ्वी , चन्द्रमा आदि से लेकर सूक्ष्म कणों जैसे परमाणु , अणु में भी हो सकती है।
हस्तरेखा शास्त्र या काइरमैन्सी (जिसेकेरोमन्सी ऐसे भी लिखा जाता है, जो यूनानी शब्द चेइर (cheir) (χειρ) "हाथ" और मंटिया (manteia) (μαντεία) (अनुमान) से बना है) हथेली को पढ़कर लक्षण का वर्णन और भविष्य बताने की कला है जिसे हस्तरेखा अध्ययन या हस्तरेखा शास्त्र भी कहा जाता है। इस कला का प्रयोग कई सांस्कृतिक विविधताओं के साथ दुनिया भर में देखा जाता है। जो हस्तरेखा पढ़ते हैं, उन्हें आम तौर पर हस्तरेखाविद्, हथेली पढ़ने वाला, हाथ पढ़ने वाला, हस्तरेखा विश्लेषक या हस्तरेखा शास्त्री भी कहा जाता है। हस्तरेखा शास्त्र को आम तौर पर छद्म विज्ञान माना जाता है। नीचे उल्लिखित जानकारी संक्षेप में आधुनिक हस्तरेखा शास्त्र के मुख्य तत्व है, जिनमें से कई विभिन्न रेखाओं की व्याख्या अक्सर विरोधाभासी होती हैं और हस्तरेखाविद विभिन्न "स्कूलों"(धाराओं या खेमों) में बंटे होते हैं।
पिछले ३० वर्षों के दौरान आप ने हज़ारों जरुरत मंदों को हस्त रेखा विज्ञानं के आधार पर समाधान किया है और भारत में कई विदेशियों, अनिवासी भारतीयों और स्थानीय लोगों को ज्योतिषीय परामर्श प्रदान किया है। उनके पास इस विषय का गहरा अध्ययन है और स्वास्थ्य, धन, शेयर और निवेश, यात्रा, शिक्षा, प्रजनन, मुकदमेबाजी, व्यापार और कॉर्पोरेट मामलों, दीर्घायु, करियर, विवाह और संबंधित मामलों जैसे विभिन्न मामलों जैसे महान मामलों पर बहुत विशेषज्ञता है। रोमांस और तलाक आदि।
हस्तरेखा शास्त्र में हाथ व्यक्ति की हथेली को "पढ़कर" उसके चरित्र या भविष्य के जीवन का मूल्यांकन किया जाता है। विभिन्न "लाइनों" ("दिल की रेखा", "जीवन रेखा", आदि) और "उठान" या (उभार) (हस्तरेखा शास्त्र), को पढ़कर अनुमानत: उनके संबद्ध आकार, गुण और अंतरशाखाओं के संबंध में सुझाव दिये जाते हैं। कुछ रिवाजों में हस्तरेखा पढ़ने वाले उंगलियों, नाखूनों, उंगलियों के निशान और व्यक्ति की त्वचा की रेखाओं (डर्मेटोग्लिफिक्स), त्वचा की बुनावट व रंग, आकार, हथेली के आकार और हाथ का लचीलापन भी देखते हैं।
एक हस्तरेखाविद् आमतौर पर व्यक्ति के 'प्रमुख हाथ' (जिससे वह लिखता है/लिखती है या जिसका सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है) (जो कभी-कभी सचेत मन का प्रतिनिधित्व करता है और दूसरा हाथ अवचेतन का संकेत करता है). हस्तरेखा विज्ञान की कुछ परंपराओं में दूसरे हाथ को वंशानुगत या परिवार के लक्षणों को धारण किया हुआ या हस्तरेखाविद् के ब्रह्माण्ड संबंधी विश्वासों पर आधारित माना जाता है, जिससे अतीत के जीवन या पूर्व जन्म की शर्तों के बारे में जानकारी मिलती है।
"शास्त्रीय" हस्तरेखा शास्त्र के लिए बुनियादी ढांचे (जो सबसे व्यापक रूप से सिखाया जाता है और परंपरागत रूप से प्रचलित है) की जड़ यूनानी पौराणिक कथाओं में निहित हैं। हथेली और उंगलियों का प्रत्येक क्षेत्र एक देवी या देवता से संबंधित है और उस क्षेत्र की विशेषताएं विषय के इसी पहलू की प्रकृति का संकेत है। उदाहरण के लिए, अनामिका अपोलो यूनानी देवता के साथ जुड़ी़ है; अंगूठी वाली इस उंगली की विशेषताएं कला, संगीत, सौंदर्यशास्त्र, शोहरत, धन और सद्भाव सं संबद्ध विषयों की विवेचना के दौरान देखीं जाती हैं।
ये संसार सुख और दुःख का सम्मलेन है, सुख में लोग स्वयं आनंदित होते है लेकिन दुःख के समय लोग चिंतन करते है , उसी क्रम में परेशान लोग अपनी समस्या से ग्रसित लोग आते हैं, ध्यान में रखते हुए कि कई समस्याएं हो सकती हैं, हालांकि हथेली का विश्लेषण करके ध्यान से कोई समस्या नहीं होती है, यद्यपि एसपी पांडे का सुझाव है कि कुछ आवश्यक कदम बाकी हिस्सों के लिए बहुत प्रभावी हो सकते हैं रहता है। जवाब देने के समय अपनाया गया तकनीक 'कायरोमेन्सी' है श्री एसपी पांडे का इस तकनीक पर अच्छा कमान है और इस सेवा से हजारों लोगों का लाभ हुआ है।
आप एक सफल उद्योगपति तो है ही लेकिन एक स्प्रीचुवल लाइफ वक्ता है, आप का मूल्याकन एक दम सटीक है, चुकी हम मानव है हमें अपना धर्म, संस्कार सर्वोपरि है , किसी ज़माने में श्री जी कट्टर संघी थे, उनकी कहानी उन्ही की जुवानी , ऐसा क्या अच्छा लगा की आप संघ से मुंड कर काग्रेस की विचार धारा की तरफ घूम लिए. आप की सोच में अक्सर लोग बोलते हैं युवा समाज दिशा हीन हो गया है। नाम और पैसा कमाने की चक्कर में युवा बिजनेस मैन, धनकुबेर और क्रिकेटर को अपना आदर्श बना रहे हैं। इससे देश की उन्नति कैसे होगी। स्थिति यह है कि युवा वर्ग दिगभ्रांत हो गया है, क्यों की सत्य का रास्ता हमेशा कठिन होता है
आप की काग्रेस की विचारधारा एक दम क्लियर है, आप का विजन काग्रेस जूनून है,बस काग्रेसियो की दिक्कत यह है की वो कुछ ज्यादा ही पड़े लिखे है,
Get healed with the help of palmistry!
फेसबुक : Shruti Pande
ट्विटर : S.P.Pande @PrakashShruti
अगर आप के पास भी पांडे जी के बारे में कोई जानकारी हो तो आप कमेन्ट के माध्यम से सूचित करे, हम सुधार कर देगे,
, जिस ज़माने में लोग शादी करने के लिए बैचलर करते थे उस समय का ये एजुकेसन (ILS जो किसी ज़माने में IAS से अलग हुवा करता था लेकिन अब ये IAS में मर्ज कर दिया गया है ) के वेल फेयर कमीसन से सेवा निविर्त हुवे , आप के बड़े भाई जो श्री V.P.Pande जी MTech from IIT delhi से से DRDO Director से सेवा निविर्त हुवे है , आप एक सफल उद्द्यमी बिजनेस मैंन जिन्हों ले एक प्रोफेसनली तरीके से ५० लोगो की एक टीम के साथ सञ्चालन कर रहे है
भौतिक विज्ञान का अर्थ है - प्रकृति का अध्ययन। प्रकृति में हम सम्पूर्ण ब्रह्मांड (universe) को सम्मिलित कर सकते है। प्रकृति के मूलभूत नियमों (fundamental laws ) एवं परिघटनाओं का अध्ययन हम जिस विषय के अंर्तगत करते है उसे हम विज्ञान की शाखा, भौतिक विज्ञान (physics) कहते है। अत: प्रकृति का अध्ययन (study of nature) ही भौतिक विज्ञान है।
हमारे चारों ओर होने वाली प्राकृतिक परिघटनाओं ( natural phenomenon) जैसे किसी पत्थर को उर्ध्वाधर ऊपर फेंकने पर वापस नीचे आना, पेड़ से पत्तियों का गिरना ,किसी पिंड को धक्का लगाने पर गतिशील हो जाना, पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की गति आदि का अध्ययन हम भौतिक विज्ञान में करते है। भौतिक विज्ञान में किसी परिघटना के अध्ययन से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर विशिष्ट नियम या सिद्धांत बनाये जाते है।उदाहरण के लिये जब किसी पिंड को पृथ्वी तल से ऊपर फेंका जाता है तो वह वापस नीचे आता है इसी आधार पर न्यूटन ने निष्कर्ष निकाला कि इस ब्रह्मांड में प्रत्येक पिंड दूसरे पिंड को आकर्षित करता है जो गुरुत्वाकर्षण का नियम ( newton law of gravitation) कहलाता है। प्राकृतिक परिघटनाएं विशाल पिंडो जैसे पृथ्वी , चन्द्रमा आदि से लेकर सूक्ष्म कणों जैसे परमाणु , अणु में भी हो सकती है।
हस्तरेखा शास्त्र या काइरमैन्सी (जिसेकेरोमन्सी ऐसे भी लिखा जाता है, जो यूनानी शब्द चेइर (cheir) (χειρ) "हाथ" और मंटिया (manteia) (μαντεία) (अनुमान) से बना है) हथेली को पढ़कर लक्षण का वर्णन और भविष्य बताने की कला है जिसे हस्तरेखा अध्ययन या हस्तरेखा शास्त्र भी कहा जाता है। इस कला का प्रयोग कई सांस्कृतिक विविधताओं के साथ दुनिया भर में देखा जाता है। जो हस्तरेखा पढ़ते हैं, उन्हें आम तौर पर हस्तरेखाविद्, हथेली पढ़ने वाला, हाथ पढ़ने वाला, हस्तरेखा विश्लेषक या हस्तरेखा शास्त्री भी कहा जाता है। हस्तरेखा शास्त्र को आम तौर पर छद्म विज्ञान माना जाता है। नीचे उल्लिखित जानकारी संक्षेप में आधुनिक हस्तरेखा शास्त्र के मुख्य तत्व है, जिनमें से कई विभिन्न रेखाओं की व्याख्या अक्सर विरोधाभासी होती हैं और हस्तरेखाविद विभिन्न "स्कूलों"(धाराओं या खेमों) में बंटे होते हैं।
पिछले ३० वर्षों के दौरान आप ने हज़ारों जरुरत मंदों को हस्त रेखा विज्ञानं के आधार पर समाधान किया है और भारत में कई विदेशियों, अनिवासी भारतीयों और स्थानीय लोगों को ज्योतिषीय परामर्श प्रदान किया है। उनके पास इस विषय का गहरा अध्ययन है और स्वास्थ्य, धन, शेयर और निवेश, यात्रा, शिक्षा, प्रजनन, मुकदमेबाजी, व्यापार और कॉर्पोरेट मामलों, दीर्घायु, करियर, विवाह और संबंधित मामलों जैसे विभिन्न मामलों जैसे महान मामलों पर बहुत विशेषज्ञता है। रोमांस और तलाक आदि।
हस्तरेखा शास्त्र में हाथ व्यक्ति की हथेली को "पढ़कर" उसके चरित्र या भविष्य के जीवन का मूल्यांकन किया जाता है। विभिन्न "लाइनों" ("दिल की रेखा", "जीवन रेखा", आदि) और "उठान" या (उभार) (हस्तरेखा शास्त्र), को पढ़कर अनुमानत: उनके संबद्ध आकार, गुण और अंतरशाखाओं के संबंध में सुझाव दिये जाते हैं। कुछ रिवाजों में हस्तरेखा पढ़ने वाले उंगलियों, नाखूनों, उंगलियों के निशान और व्यक्ति की त्वचा की रेखाओं (डर्मेटोग्लिफिक्स), त्वचा की बुनावट व रंग, आकार, हथेली के आकार और हाथ का लचीलापन भी देखते हैं।
एक हस्तरेखाविद् आमतौर पर व्यक्ति के 'प्रमुख हाथ' (जिससे वह लिखता है/लिखती है या जिसका सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है) (जो कभी-कभी सचेत मन का प्रतिनिधित्व करता है और दूसरा हाथ अवचेतन का संकेत करता है). हस्तरेखा विज्ञान की कुछ परंपराओं में दूसरे हाथ को वंशानुगत या परिवार के लक्षणों को धारण किया हुआ या हस्तरेखाविद् के ब्रह्माण्ड संबंधी विश्वासों पर आधारित माना जाता है, जिससे अतीत के जीवन या पूर्व जन्म की शर्तों के बारे में जानकारी मिलती है।
"शास्त्रीय" हस्तरेखा शास्त्र के लिए बुनियादी ढांचे (जो सबसे व्यापक रूप से सिखाया जाता है और परंपरागत रूप से प्रचलित है) की जड़ यूनानी पौराणिक कथाओं में निहित हैं। हथेली और उंगलियों का प्रत्येक क्षेत्र एक देवी या देवता से संबंधित है और उस क्षेत्र की विशेषताएं विषय के इसी पहलू की प्रकृति का संकेत है। उदाहरण के लिए, अनामिका अपोलो यूनानी देवता के साथ जुड़ी़ है; अंगूठी वाली इस उंगली की विशेषताएं कला, संगीत, सौंदर्यशास्त्र, शोहरत, धन और सद्भाव सं संबद्ध विषयों की विवेचना के दौरान देखीं जाती हैं।
ये संसार सुख और दुःख का सम्मलेन है, सुख में लोग स्वयं आनंदित होते है लेकिन दुःख के समय लोग चिंतन करते है , उसी क्रम में परेशान लोग अपनी समस्या से ग्रसित लोग आते हैं, ध्यान में रखते हुए कि कई समस्याएं हो सकती हैं, हालांकि हथेली का विश्लेषण करके ध्यान से कोई समस्या नहीं होती है, यद्यपि एसपी पांडे का सुझाव है कि कुछ आवश्यक कदम बाकी हिस्सों के लिए बहुत प्रभावी हो सकते हैं रहता है। जवाब देने के समय अपनाया गया तकनीक 'कायरोमेन्सी' है श्री एसपी पांडे का इस तकनीक पर अच्छा कमान है और इस सेवा से हजारों लोगों का लाभ हुआ है।
आप एक सफल उद्योगपति तो है ही लेकिन एक स्प्रीचुवल लाइफ वक्ता है, आप का मूल्याकन एक दम सटीक है, चुकी हम मानव है हमें अपना धर्म, संस्कार सर्वोपरि है , किसी ज़माने में श्री जी कट्टर संघी थे, उनकी कहानी उन्ही की जुवानी , ऐसा क्या अच्छा लगा की आप संघ से मुंड कर काग्रेस की विचार धारा की तरफ घूम लिए. आप की सोच में अक्सर लोग बोलते हैं युवा समाज दिशा हीन हो गया है। नाम और पैसा कमाने की चक्कर में युवा बिजनेस मैन, धनकुबेर और क्रिकेटर को अपना आदर्श बना रहे हैं। इससे देश की उन्नति कैसे होगी। स्थिति यह है कि युवा वर्ग दिगभ्रांत हो गया है, क्यों की सत्य का रास्ता हमेशा कठिन होता है
आप की काग्रेस की विचारधारा एक दम क्लियर है, आप का विजन काग्रेस जूनून है,बस काग्रेसियो की दिक्कत यह है की वो कुछ ज्यादा ही पड़े लिखे है,
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