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    भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि पर शतः शतः नमन I

    राजीव गाँधी भारत के नौवें  प्रधानमंत्री थे।

    राजीव रत्न गाँधी जन्म 20 अगस्त, 1944 जन्म भूमि मुंबई, महाराष्ट्र मृत्यु 21 मई 1991 !

    भारत में कम्प्यूटर व मोबाइल क्रांति के जनक माने जाने वाले श्री गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने मात्र 5 वर्ष के कर्यकाल में देश को नयी ऊंचाइयों पर पहुँचाने का काम किया। युवाओं को 18 वर्ष के आयु में मताधिकार देना , पंचायतों व नगरीय निकायों में महिलाओं और दलित -पिछड़े वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का प्रथम प्रयास करना , 21 वीं सदी में भारत को विश्व में एक सशक्त देश के रूप में पहचान दिलाने के दिशा में श्री गांधी द्वारा किये गए कार्य निश्चित रूप से उनके महानता के परिचायक हैं । सरलता ,सादगी और कर्मठता के प्रतीक श्री गांधी को सादर श्रद्धांजलि आज ही के दिन (21 मई को) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1984 में हत्या कर दी गई थी. राजीव गांधी को देश में कई काम के लिए याद किया जाता है, लेकिन इनमें से एक खास है उनका कंप्यूटर के लिए काम करना.


    आज हमलोग जब मर्जी चाहे मोबाईल से, कम्प्यूटर से अपने मर्जी के अनुसार हर चीज कर सकते है। यानि यूँ कहें तो जिस डिजिटल इंडिया को हम देख रहे हैं यूवाओं के हाथों में फोन, टीवी, रेडियों, कम्प्यूटर और आज के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस डिजिटल इंडिया का ढिंढोरा पीट पीट कर अपना श्रेय लेते है। क्‍या आपको पता है, इस डिजिटल कल्‍पना किसने की थी? किसने इसका शुरुआत किया? देश की जनता को शायद मोदी के झूठ और शौर शराबे के बीच याद ना हो लेकिन आपको बता दूँ, उस युवा ने डिजिटल इंडिया की शुरुआत किया जो कभी राजनीति में आना भी नहीं चाहता था। राजनीति से दूर दूर तक उसे कोई दिलचस्पी नहीं था। उस शख्स का नाम श्री राजीव गाँधी जी है। 

    जब कोई रेलवे स्टेशन पर चाय बेच रहा था तब राजीव गांधी ने परम-8000 नामक सुपर कम्प्यूर देशी तकनीकी से बनवा डाला था..! अमेरिका भौचक्का था क्योंकि जितनी कीमत पर उसने बनाया था उसके एक चौथाई खर्चे में भारत ने बनाया था..! तभी से अमेरिका भारतीयों के कंप्यूटर ज्ञान का कायल हुआ..!

    जब कोई आरएसएस की शाखाओं में लाठी भांजना सीख रहा था तब राजीव गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी को किडनी के इलाज के लिए संयुक्त राष्ट्र के बहाने न्यूयॉर्क भेजा था..अटल को यह कहते पूरे राष्ट्र ने सुना है कि " मैं आज जिंदा हूँ तो राजीव के कारण..सदन के भीतर की बात और है लेकिन सदन के बाहर न मैं एक शब्द उनके विरोध में बोलना चाहता हूं और न सुनना चाहता हूं"

    जिस साल कोई पत्नी को छोड़कर बाबा बन गया था उस साल राजीव गांधी ने राम मंदिर का वह दरवाजा हिंदुओं को पूजा के लिए खोल दिया जिसे अंग्रेज 1859 में बंद कर गए थे..!

    मैं उन धूर्त और दंगाई किस्म के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि देश का 100वां सेटेलाइट तुमने भेजा तो क्या बाकी के 99 केशवराम बलीराम हेडगेवार ने भेजे थे...

    Rajeev Shanker Mishra


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