Congress : काग्रेस के साठ साल
प्रायोजित ट्रोल मिडिया के द्वारा काग्रेस के सिर्फ साठ साल में कितना कुप्रचार किया गया है... वो तो जग जाहिर ही है, कौन है वो लोग जिनको ये साठ साल में ये नहीं दीखता की वो कहा से कहा आ गए . भारत कितने साल तक गुलाम रहा, जब भारत आजाद हुवा तो कैसा था भारत, ये सब खोजने समझने की कोशिस नहीं की हमने, हा सिर्फ कुचक्र रचा गया, क्या मिलता है उससे , ये सही है की हमें अच्छाई और बुराई दोनों का ज्ञान होना चाहिए, क्यों की अगर हमें बुराई का आभास हो जाये तो हम उससे दूर करने की कोशिश कर सकते है, ये यथाथ है की किसी को बुरा बनाना आसन है, अच्छा देखने समझने के लिए दिमाक पर बल पड़ता है. लेकिन सच को स्वीकारने की ताकत ही हमें मजबूत बनाती है.
आजादी के बाद से अब तक लगभग साठ वर्शों के कांग्रेस नेतृत्व ने देश को जो कुछ दिया है उसका ही यह नतीजा है कि दुनिया के मानचित्र पर हमारा एक स्वतंत्र अस्तित्व कायम है। लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ सामरिक, आर्थिक और सामाजिक तौर पर हमारे देश की जो पहचान बनी है उसमें कांग्रेस पार्टी के योगदान को कभी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। यह बड़े आश्चर्य की बात है कि अपनी तुच्छ राजनीतिक आकांक्शा वाले कुछ लोग कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में देश की तरक्की पर सवाल उठाते रहते हैं। वैसे लोग इस बात को भूल जाते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व को देश जिन विकट परिस्थितियों में सौंपा गया था उससे आगे की राह उतनी आसान नहीं थी। पीढ़ी दर पीढ़ी, कांग्रेस नेतृत्व ने बहुत ही आशावादी दृश्टिकोण के साथ उन चुनौतियों का समाना किया और एक मजबूत देश की बुनियाद तैयार की।
विज्ञान, उद्योग, शिक्शा, ढांचागत विकास, कृशि और वाणिज्य जैसे सभी प्रमुख क्शेत्रों में भारत आधुनिक दुनिया के दौड़ में पीछे छूटता गया। अंग्रेजी सभा ने अपने लाभ के लिए भारतीय समाज में अंधविश्वास, जाति-प्रथा और साम्प्रदायिकता को तो बढ़ावा दिया ही, देश के नागरिकों को एक सूत्र में बांधने वाली राश्ट्रीयता की भावना को भी पनपने से रोकने का हर संभव प्रयास किया। भारत के शिक्शित, प्रगतिशील, विचारक और ब्रिटिश सभा के द्वारा भारत के इस शोशण को समझने वाले प्रबुद्ध नागरिक इस बात को समझ रहे थे कि ब्रिटिश सभा को हटाए बिना देश का भविश्य सुधारा नहीं जा सकता। इसके लिए बुद्धिजीवियों के साथ आम जनता को साथ लेकर एक ऐसे राश्ट्रीय संगठन की जरूरत थी जो एक जन आंदोलन का रूप ले सके। 1885 में भारतीय राश्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई।
इसने भारत की जनता और देशहित के लिए संघर्श का एक ऐसा मंच तैयार किया जिसने लगभग साठ वर्शों के संघर्श के बाद 1947 में आखिरकार उस काल के सबसे आक्रामक और ताकतवर औपनिवेशिक शासनतंत्र को उखाड़ फेंका। भारतीय राश्ट्रीय कांग्रेस ने इस देश को नेताओं की एक लंबी श्रृंखला दी जिनके नेतृत्व में देश निर्माण की शुरूआत हुई। इन नेताओं की कुर्बानियों को देश कभी भुला नहीं सकता। राश्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, डा. भीमराव अम्बेडकर जैसे और भारतीय राश्ट्रीय कांग्रेस के सैकड़ों नेताओं ने जिस अदम्य साहस, देश निर्माण के लिए सोच और जिस दर्शन को अपनाया आज पूरी दुनिया उसकी मिसाल देती है। सच तो यह है कि इन लोगों ने जो बुनियाद रखी, वही आज के इस मजबूत लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था का आधार है।
काग्रेस सन्देश :
2014 के आम चुनाव में भाजपा और नरेंद्र मोदी ने बहुत ही शानदार प्रचार और मैनेजमेंट किया । चुनाव के वक़्त से ही भाजपा ने जनता को ऐसा दिखाया की कांग्रेस ने पिछले 60 साल में कोई काम नही किया । यहाँ तक की भाजपा जनता को यह विश्वास दिलाने में काफी हद तक कामयाब भी रही ।
ऐसे में हमने कांग्रेस पार्टी द्वारा किये गए कुछ ऐतिहासिक कामों की लिस्ट तैयार की है, काग्रेस के समर्थक फेसबुक पर अपने विचार लिखे है, हमने सबको एकत्र करने की कोशिश की है. । इन कामों को पड़ने के बाद आपको भी पता चल जाएगा कि पिछले 60 साल में देश ने कितना विकास किया है ।
1947 में आजादी के बाद नवगठित देश भारत के समक्ष जो चुनौतियां थीं उसे स्वीकार करते हुए पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी और इसके शीर्ष नेताओं ने देश को दिशा देनी शुरू की...
1952 में आई.आई.टी. की आधारषिला खड़गपुर में रखी गई और इसके बाद चेन्नई, मुंबई, कानपुर और दिल्ली में इसकी अन्य शाखाओं को स्थापित किया गया।
[1] कांग्रेस सरकार ने 1954 में एक अलग परमाणु विभाग की स्थापना की तथा 1956 में, मुंबई में भारत के पहले परमाणु रिएक्टर की स्थापना हुई। दिलचस्प बात यह थी कि भारत का पहला परमाणु रिएक्टर एषिया का भी पहला रिएक्टर था ।
[2] पहले भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू 8 दिसम्बर 1951 को भारत की संसद को पहली पाँच साल की योजना प्रस्तुत की. योजन मुख्य रूप से संबोधित किया, बांधों और सिंचाई में निवेश सहित कृषि प्रधान क्षेत्र,. कृषि क्षेत्र में भारत के विभाजन और तत्काल ध्यान देने की जरूरत सबसे मुश्किल माना गया था
[3] 206,8 अरब (1950 विनिमय दर में 23.6 अरब अमेरिकी डॉलर) की कुल योजना बनाई बजट सात व्यापक क्षेत्रों को आवंटित किया गया था: सिंचाई और ऊर्जा (27.2 प्रतिशत). कृषि और सामुदायिक विकास (17.4 प्रतिशत), परिवहन और संचार (24 प्रतिशत), उद्योग (8.4 प्रतिशत), सामाजिक सेवाओं (16.64 प्रतिशत), भूमि पुनर्वास (4.1 प्रतिशत) और अन्य क्षेत्रों और सेवाओं के लिए (2.5 प्रतिशत).
[ 4] इस चरण का सबसे महत्वपूर्ण विशेषता राज्य के सभी आर्थिक क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका थी। इस तरह की एक भूमिका उस समय उचित था क्योंकि स्वतंत्रता के तुरंत बाद भारत में बुनियादी पूंजी और कम क्षमता को बचाने की कमी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। लक्ष्य विकास दर 2.1% की वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास था, हासिल की विकास दर 3.6% थी। शुद्ध घरेलू उत्पाद 15% से ऊपर चला गया। मानसून अच्छा था और वहाँ अपेक्षाकृत उच्च फसल की पैदावार थे, मुद्रा भंडार बढ़ाने और प्रति व्यक्ति आय है, जो 8% की वृद्धि हुई. राष्ट्रीय आय तेजी से जनसंख्या वृद्धि के कारण प्रति व्यक्ति आय से अधिक वृद्धि हुई है। कई सिंचाई परियोजनाएं इस अवधि के दौरान शुरू किए गए थे, भाखडा बांध और हीराकुंड बांध सहित. विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार के साथ, बच्चों के स्वास्थ्य और कम शिशु मृत्यु दर को संबोधित किया, परोक्ष रूप से जनसंख्या वृद्धि में योगदान दे. 1956 में योजना अवधि के अंत में पांच भारतीय प्रौद्योगिकी (आईआईटी) के संस्थान के प्रमुख तकनीकी संस्थानों के रूप में शुरू किए गए। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने धन का ख्याल रखना और उपाय करने के लिए देश में उच्च शिक्षा को मजबूत स्थापित किया गया था।
[5] पांच इस्पात संयंत्र, जो दूसरी पंचवर्षीय योजना के बीच में अस्तित्व में आया शुरू संविदा पर हस्ताक्षर किए गए .
और न जाने कितने प्रयास
1. पोलियो मुक्त भारत ।
2. सुचना का अधिकार कानून।
3. भूमि अधिग्रहण बिल।
4. भोजन का अधिकार ।
5. शिक्षा का अधिकार।
7. चंद्रयान । चाँद पर तिरंगा लहराया।
8. मंगलयान। मंगल ग्रह पर पहुचे।
9. मेट्रो ट्रेन दिल्ली,जयपुर,मुम्बई,कलकत्ता,
10. परमाणु पनडुब्बी का निर्माण।
11. तेजस लड़ाकू विमान का निर्माण।
12 अग्नि मिशाइल1,2,3,4 का निर्माण।
13. अग्नि 5 मिशाइल 5 हजार किलोमीटर तक वार करने वाली का निर्माण।
14. परमाणु मिशाइल ब्र्ह्मस का निर्माण।
15. अन्तरिक्ष में अनेक उपग्रह स्थापित किये।
16. अंतराष्ट्रीय स्तर के एरोड्र्म का निर्माण।
17. विश्व आर्थिक मंदी से देश को बचाए रखा
19. गाव गाव संचार सुविधाओ के तहत मोबाइल सुविधाए व् इंटरनेट उपलब्ध।
20. मनरेगा में करोड़ो ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाया।
21. देश के जिलो की चिकित्सालयो में गहन शिशु चिकित्सा इकाई की स्थापना।
22. राजीव गांधी आवास योजना के तहत शहरों में रहने वाले गरीबो को आवास उपलब्ध।
23. इंदिरा आवास ग्रामीणों को।
24. सेकड़ो विधवा बहनों को विधवा पेशन।
25. लाखो निराश्रितो को पेशन।
26. लाखो किसानो कइ कर्ज माफ़।
27. मजदूर बिमा योजना।
28. गरीब किसानो को निःशुल्क क्रषि उपकरण प्रदाय।
28. किसानो की फसलो का क्रय एवम बोनस राशि ।
29. मध्यान्ह भोजन योजना।
30. लाखो आंगनवाडीयो का निर्माण ।
31. आंगनवाडीयो में कार्यकता को रोजगार।
32. कुपोषित बच्चो को पोषण आहार वितरण ।
33. निःशुल्क शिक्षा व् छात्रव्रती ।
34. आदिवासियों को क्रषि भूमि का हक पटे वितरित।
35. क्रषि ऋण क्रेडिट कार्ड योजना।
36. भ्रष्टाचार पर रोक के लिए लोकपाल बील
37. राष्ट्रिय राज मार्गो का छोड़करण
अभी भी अगर आपको लगता है कि देश ने पिछले 60 साल में कोई प्रगति नही की है तो आगे पढ़ें..
1947 मे देश को स्वतन्त्रता दिलाने के बाद कांग्रेस ने किया देश का विकास
1947- 50 = देश को दिया दुनिया का सबसे बेहतर संविधान और प्रजातन्त्र
1947- 48 = लगभग 550 देशी रियासतों को देश मे शामिल किया- देश जोड़ा
1950-60 = वस्त्रोद्योग को बढ़ावा … कपड़े मे हुआ देश आत्म निर्भर
1960 = गोवा को देश मे मिलाया
1950- 75 = विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं मे हुआ
बांध और नहरों का निर्माण देश का सिंचित क्षेत्र कई गुना बढ़ा
1950- 65 = देश मे अन्तरिक्ष और परमाणु कार्यक्रम की नीव भाभा परमाणु संयंत्र, तारापुर
परमाणु बिजलीघर, विक्रम साराभाई अन्तरिक्ष अनुसंधान केंद्र, थुंबा प्रक्षेपण केंद्र आदि की स्थापना
1950-1965 = देश मे IIT, IIM और इन जैसे अन्य शिक्षा केन्द्रो की स्थापना
1965 = पाकिस्तान को युद्ध मे बुरी तरह हराया
1971= पड़ोसी को दी उसके कुकर्मों
की सज़ा… किया पाकिस्तान के दो टुकड़े
1974= पहला पोखरण परमाणु विस्फोट देश बना विश्व का 5वां परमाणु हथियार सम्पन्न देश
1970-75 = देश मे हरित क्रांति देश हुआ अनाज के उत्पादन मे आत्म निर्भर
1984- 89 = देश मे कंप्यूटर और दूरसंचार क्रांति की शुरुआत ।
इसके बाद भी ऐसे कई कार्य है जो कांग्रेस पार्टी द्वारा देश हित में किये गए है । में कांग्रेस पार्टी का प्रशंसक नही हूँ लेकिन ये कहना गलत है कि कांग्रेस पार्टी ने पिछले 60 साल में कोई काम नही किया । अगर अब आपको भी लगता है कि कांग्रेस पार्टी ने देश के लिए कुछ किया है तो एक शेयर जरूर करें..
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
आजादी के बाद से अब तक लगभग साठ वर्शों के कांग्रेस नेतृत्व ने देश को जो कुछ दिया है उसका ही यह नतीजा है कि दुनिया के मानचित्र पर हमारा एक स्वतंत्र अस्तित्व कायम है। लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ सामरिक, आर्थिक और सामाजिक तौर पर हमारे देश की जो पहचान बनी है उसमें कांग्रेस पार्टी के योगदान को कभी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। यह बड़े आश्चर्य की बात है कि अपनी तुच्छ राजनीतिक आकांक्शा वाले कुछ लोग कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में देश की तरक्की पर सवाल उठाते रहते हैं। वैसे लोग इस बात को भूल जाते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व को देश जिन विकट परिस्थितियों में सौंपा गया था उससे आगे की राह उतनी आसान नहीं थी। पीढ़ी दर पीढ़ी, कांग्रेस नेतृत्व ने बहुत ही आशावादी दृश्टिकोण के साथ उन चुनौतियों का समाना किया और एक मजबूत देश की बुनियाद तैयार की।
विज्ञान, उद्योग, शिक्शा, ढांचागत विकास, कृशि और वाणिज्य जैसे सभी प्रमुख क्शेत्रों में भारत आधुनिक दुनिया के दौड़ में पीछे छूटता गया। अंग्रेजी सभा ने अपने लाभ के लिए भारतीय समाज में अंधविश्वास, जाति-प्रथा और साम्प्रदायिकता को तो बढ़ावा दिया ही, देश के नागरिकों को एक सूत्र में बांधने वाली राश्ट्रीयता की भावना को भी पनपने से रोकने का हर संभव प्रयास किया। भारत के शिक्शित, प्रगतिशील, विचारक और ब्रिटिश सभा के द्वारा भारत के इस शोशण को समझने वाले प्रबुद्ध नागरिक इस बात को समझ रहे थे कि ब्रिटिश सभा को हटाए बिना देश का भविश्य सुधारा नहीं जा सकता। इसके लिए बुद्धिजीवियों के साथ आम जनता को साथ लेकर एक ऐसे राश्ट्रीय संगठन की जरूरत थी जो एक जन आंदोलन का रूप ले सके। 1885 में भारतीय राश्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई।
इसने भारत की जनता और देशहित के लिए संघर्श का एक ऐसा मंच तैयार किया जिसने लगभग साठ वर्शों के संघर्श के बाद 1947 में आखिरकार उस काल के सबसे आक्रामक और ताकतवर औपनिवेशिक शासनतंत्र को उखाड़ फेंका। भारतीय राश्ट्रीय कांग्रेस ने इस देश को नेताओं की एक लंबी श्रृंखला दी जिनके नेतृत्व में देश निर्माण की शुरूआत हुई। इन नेताओं की कुर्बानियों को देश कभी भुला नहीं सकता। राश्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, डा. भीमराव अम्बेडकर जैसे और भारतीय राश्ट्रीय कांग्रेस के सैकड़ों नेताओं ने जिस अदम्य साहस, देश निर्माण के लिए सोच और जिस दर्शन को अपनाया आज पूरी दुनिया उसकी मिसाल देती है। सच तो यह है कि इन लोगों ने जो बुनियाद रखी, वही आज के इस मजबूत लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था का आधार है।
काग्रेस सन्देश :
2014 के आम चुनाव में भाजपा और नरेंद्र मोदी ने बहुत ही शानदार प्रचार और मैनेजमेंट किया । चुनाव के वक़्त से ही भाजपा ने जनता को ऐसा दिखाया की कांग्रेस ने पिछले 60 साल में कोई काम नही किया । यहाँ तक की भाजपा जनता को यह विश्वास दिलाने में काफी हद तक कामयाब भी रही ।
ऐसे में हमने कांग्रेस पार्टी द्वारा किये गए कुछ ऐतिहासिक कामों की लिस्ट तैयार की है, काग्रेस के समर्थक फेसबुक पर अपने विचार लिखे है, हमने सबको एकत्र करने की कोशिश की है. । इन कामों को पड़ने के बाद आपको भी पता चल जाएगा कि पिछले 60 साल में देश ने कितना विकास किया है ।
1947 में आजादी के बाद नवगठित देश भारत के समक्ष जो चुनौतियां थीं उसे स्वीकार करते हुए पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी और इसके शीर्ष नेताओं ने देश को दिशा देनी शुरू की...
1952 में आई.आई.टी. की आधारषिला खड़गपुर में रखी गई और इसके बाद चेन्नई, मुंबई, कानपुर और दिल्ली में इसकी अन्य शाखाओं को स्थापित किया गया।
[1] कांग्रेस सरकार ने 1954 में एक अलग परमाणु विभाग की स्थापना की तथा 1956 में, मुंबई में भारत के पहले परमाणु रिएक्टर की स्थापना हुई। दिलचस्प बात यह थी कि भारत का पहला परमाणु रिएक्टर एषिया का भी पहला रिएक्टर था ।
[2] पहले भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू 8 दिसम्बर 1951 को भारत की संसद को पहली पाँच साल की योजना प्रस्तुत की. योजन मुख्य रूप से संबोधित किया, बांधों और सिंचाई में निवेश सहित कृषि प्रधान क्षेत्र,. कृषि क्षेत्र में भारत के विभाजन और तत्काल ध्यान देने की जरूरत सबसे मुश्किल माना गया था
[3] 206,8 अरब (1950 विनिमय दर में 23.6 अरब अमेरिकी डॉलर) की कुल योजना बनाई बजट सात व्यापक क्षेत्रों को आवंटित किया गया था: सिंचाई और ऊर्जा (27.2 प्रतिशत). कृषि और सामुदायिक विकास (17.4 प्रतिशत), परिवहन और संचार (24 प्रतिशत), उद्योग (8.4 प्रतिशत), सामाजिक सेवाओं (16.64 प्रतिशत), भूमि पुनर्वास (4.1 प्रतिशत) और अन्य क्षेत्रों और सेवाओं के लिए (2.5 प्रतिशत).
[ 4] इस चरण का सबसे महत्वपूर्ण विशेषता राज्य के सभी आर्थिक क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका थी। इस तरह की एक भूमिका उस समय उचित था क्योंकि स्वतंत्रता के तुरंत बाद भारत में बुनियादी पूंजी और कम क्षमता को बचाने की कमी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। लक्ष्य विकास दर 2.1% की वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास था, हासिल की विकास दर 3.6% थी। शुद्ध घरेलू उत्पाद 15% से ऊपर चला गया। मानसून अच्छा था और वहाँ अपेक्षाकृत उच्च फसल की पैदावार थे, मुद्रा भंडार बढ़ाने और प्रति व्यक्ति आय है, जो 8% की वृद्धि हुई. राष्ट्रीय आय तेजी से जनसंख्या वृद्धि के कारण प्रति व्यक्ति आय से अधिक वृद्धि हुई है। कई सिंचाई परियोजनाएं इस अवधि के दौरान शुरू किए गए थे, भाखडा बांध और हीराकुंड बांध सहित. विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार के साथ, बच्चों के स्वास्थ्य और कम शिशु मृत्यु दर को संबोधित किया, परोक्ष रूप से जनसंख्या वृद्धि में योगदान दे. 1956 में योजना अवधि के अंत में पांच भारतीय प्रौद्योगिकी (आईआईटी) के संस्थान के प्रमुख तकनीकी संस्थानों के रूप में शुरू किए गए। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने धन का ख्याल रखना और उपाय करने के लिए देश में उच्च शिक्षा को मजबूत स्थापित किया गया था।
[5] पांच इस्पात संयंत्र, जो दूसरी पंचवर्षीय योजना के बीच में अस्तित्व में आया शुरू संविदा पर हस्ताक्षर किए गए .
और न जाने कितने प्रयास
1. पोलियो मुक्त भारत ।
2. सुचना का अधिकार कानून।
3. भूमि अधिग्रहण बिल।
4. भोजन का अधिकार ।
5. शिक्षा का अधिकार।
7. चंद्रयान । चाँद पर तिरंगा लहराया।
8. मंगलयान। मंगल ग्रह पर पहुचे।
9. मेट्रो ट्रेन दिल्ली,जयपुर,मुम्बई,कलकत्ता,
10. परमाणु पनडुब्बी का निर्माण।
11. तेजस लड़ाकू विमान का निर्माण।
12 अग्नि मिशाइल1,2,3,4 का निर्माण।
13. अग्नि 5 मिशाइल 5 हजार किलोमीटर तक वार करने वाली का निर्माण।
14. परमाणु मिशाइल ब्र्ह्मस का निर्माण।
15. अन्तरिक्ष में अनेक उपग्रह स्थापित किये।
16. अंतराष्ट्रीय स्तर के एरोड्र्म का निर्माण।
17. विश्व आर्थिक मंदी से देश को बचाए रखा
19. गाव गाव संचार सुविधाओ के तहत मोबाइल सुविधाए व् इंटरनेट उपलब्ध।
20. मनरेगा में करोड़ो ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाया।
21. देश के जिलो की चिकित्सालयो में गहन शिशु चिकित्सा इकाई की स्थापना।
22. राजीव गांधी आवास योजना के तहत शहरों में रहने वाले गरीबो को आवास उपलब्ध।
23. इंदिरा आवास ग्रामीणों को।
24. सेकड़ो विधवा बहनों को विधवा पेशन।
25. लाखो निराश्रितो को पेशन।
26. लाखो किसानो कइ कर्ज माफ़।
27. मजदूर बिमा योजना।
28. गरीब किसानो को निःशुल्क क्रषि उपकरण प्रदाय।
28. किसानो की फसलो का क्रय एवम बोनस राशि ।
29. मध्यान्ह भोजन योजना।
30. लाखो आंगनवाडीयो का निर्माण ।
31. आंगनवाडीयो में कार्यकता को रोजगार।
32. कुपोषित बच्चो को पोषण आहार वितरण ।
33. निःशुल्क शिक्षा व् छात्रव्रती ।
34. आदिवासियों को क्रषि भूमि का हक पटे वितरित।
35. क्रषि ऋण क्रेडिट कार्ड योजना।
36. भ्रष्टाचार पर रोक के लिए लोकपाल बील
37. राष्ट्रिय राज मार्गो का छोड़करण
अभी भी अगर आपको लगता है कि देश ने पिछले 60 साल में कोई प्रगति नही की है तो आगे पढ़ें..
1947 मे देश को स्वतन्त्रता दिलाने के बाद कांग्रेस ने किया देश का विकास
1947- 50 = देश को दिया दुनिया का सबसे बेहतर संविधान और प्रजातन्त्र
1947- 48 = लगभग 550 देशी रियासतों को देश मे शामिल किया- देश जोड़ा
1950-60 = वस्त्रोद्योग को बढ़ावा … कपड़े मे हुआ देश आत्म निर्भर
1960 = गोवा को देश मे मिलाया
1950- 75 = विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं मे हुआ
बांध और नहरों का निर्माण देश का सिंचित क्षेत्र कई गुना बढ़ा
1950- 65 = देश मे अन्तरिक्ष और परमाणु कार्यक्रम की नीव भाभा परमाणु संयंत्र, तारापुर
परमाणु बिजलीघर, विक्रम साराभाई अन्तरिक्ष अनुसंधान केंद्र, थुंबा प्रक्षेपण केंद्र आदि की स्थापना
1950-1965 = देश मे IIT, IIM और इन जैसे अन्य शिक्षा केन्द्रो की स्थापना
1965 = पाकिस्तान को युद्ध मे बुरी तरह हराया
1971= पड़ोसी को दी उसके कुकर्मों
की सज़ा… किया पाकिस्तान के दो टुकड़े
1974= पहला पोखरण परमाणु विस्फोट देश बना विश्व का 5वां परमाणु हथियार सम्पन्न देश
1970-75 = देश मे हरित क्रांति देश हुआ अनाज के उत्पादन मे आत्म निर्भर
1984- 89 = देश मे कंप्यूटर और दूरसंचार क्रांति की शुरुआत ।
इसके बाद भी ऐसे कई कार्य है जो कांग्रेस पार्टी द्वारा देश हित में किये गए है । में कांग्रेस पार्टी का प्रशंसक नही हूँ लेकिन ये कहना गलत है कि कांग्रेस पार्टी ने पिछले 60 साल में कोई काम नही किया । अगर अब आपको भी लगता है कि कांग्रेस पार्टी ने देश के लिए कुछ किया है तो एक शेयर जरूर करें..
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
#मनमोहन_सिंह
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने जब 2004 में सत्ता संभाली तब सेंसेक्स 8000 पर था और जब 2014 में सत्ता छोड़ी तब सेंसेक्स 24000 पर था।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जब सत्ता संभाली थी तब देश के कुछ चुनिंदा लोगों के पास ही Nokia 3100 फोन हुआ करते थे. लेकिन जब सत्ता छोङी तब हर ऐक के पास स्मार्ट फोन था। वो खुद चुप्प रहते थे
लेकिन उनके द्वारा लागू की गई दुनिया की सबसे बड़ी योजना मनरेगा से हर गांव गांव ढाणी ढाणी से लोगों का काम बोलता था और हर परिवार खुशहाल जिंदगी जीने लगा।
वो चुप्पी भी कुछ खास थी!
जो खुद बहुत कम बोलते थे लेकिन लोगों को अपनी बात रखने के लिए RTI जैसा कानुन दिया।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने चुपचाप काम करते हुए भारत को मंगल व चाँद पर पहुंचने के लिए संसाधन उपलब्ध कराये।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण के लिए IIT, AIMS, अत्याधुनिक ऐयरपोर्ट, मेट्रो, रिफाइनरी आदि दी।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
खूद बहुत कम बोलते थे लेकिन उनका काम बोलता था।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
चुपचाप काम करते हुए भी ये साबित कर दिया अंतराष्टी्य मंच पर कि पाकिस्तान आंतकवाद का जनक है।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने आज से कई वर्ष पहले ये बता दिया था कि देश में FDI, भूमि अधिग्रहण बिल, GST बिल की आवश्यकता है, वो तो खैर भाजपा की कारगुजारी थी कि उस वक्त इन अहम बिलों को पास नहीं होने दिया तथा देश के विकास में बाधक बने।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने अपने उच्च स्तरीय दिमाग का इस्तेमाल करके भारत पर आर्थिक मंदी का असर नहीं पड़ने दिया जब पूरी दुनिया आर्थिक तंगी से जूझ रही थी।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने भारत को पोलियो मुक्त कराया तथा कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी के लिए काम आने वाली दवा का दाम ऐक लाख रुपये से घटाकर सिर्फ 8000 रूपये दाम तय किये।
दुनिया के सबसे इमानदार नेता श्री मनमोहन सिंह जी के 10 साल के नेतृत्व को सलाम जो खुद नहीं बोलते थे सिर्फ काम बोलता था।
विज्ञान आधारित गतिविधि और वैज्ञानिक अनुसंधान पर होने वाला खर्च 1948-49 में 1.10 करोड़ से बढ़कर 1965-66 में लगभग 85 करोड़ हो गया। इसका सीधा असर तकनीषियनों पर पड़ा। 1950 में भारत में 1,88,000 तकनीषियन थे जो 1965 में बढ़कर 7,32,000 हो गए। इंजीनियरिंग एवं तकनीकी काॅलेजों में 1950 में छात्रों की संख्या मात्र तेरह हाजार थी जो 1965 में बढ़कर 78,000 हो गई। इसी तरह कृषि महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 1950 के 2600 से बढ़कर 1965 में लगभग 15000 तक पहंुच गई। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू में अद्भुत दूरदर्षिता थीवो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने जब 2004 में सत्ता संभाली तब सेंसेक्स 8000 पर था और जब 2014 में सत्ता छोड़ी तब सेंसेक्स 24000 पर था।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जब सत्ता संभाली थी तब देश के कुछ चुनिंदा लोगों के पास ही Nokia 3100 फोन हुआ करते थे. लेकिन जब सत्ता छोङी तब हर ऐक के पास स्मार्ट फोन था। वो खुद चुप्प रहते थे
लेकिन उनके द्वारा लागू की गई दुनिया की सबसे बड़ी योजना मनरेगा से हर गांव गांव ढाणी ढाणी से लोगों का काम बोलता था और हर परिवार खुशहाल जिंदगी जीने लगा।
वो चुप्पी भी कुछ खास थी!
जो खुद बहुत कम बोलते थे लेकिन लोगों को अपनी बात रखने के लिए RTI जैसा कानुन दिया।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने चुपचाप काम करते हुए भारत को मंगल व चाँद पर पहुंचने के लिए संसाधन उपलब्ध कराये।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण के लिए IIT, AIMS, अत्याधुनिक ऐयरपोर्ट, मेट्रो, रिफाइनरी आदि दी।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
खूद बहुत कम बोलते थे लेकिन उनका काम बोलता था।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
चुपचाप काम करते हुए भी ये साबित कर दिया अंतराष्टी्य मंच पर कि पाकिस्तान आंतकवाद का जनक है।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने आज से कई वर्ष पहले ये बता दिया था कि देश में FDI, भूमि अधिग्रहण बिल, GST बिल की आवश्यकता है, वो तो खैर भाजपा की कारगुजारी थी कि उस वक्त इन अहम बिलों को पास नहीं होने दिया तथा देश के विकास में बाधक बने।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने अपने उच्च स्तरीय दिमाग का इस्तेमाल करके भारत पर आर्थिक मंदी का असर नहीं पड़ने दिया जब पूरी दुनिया आर्थिक तंगी से जूझ रही थी।
वो चुप्पी भी क्या खास थी!
जिन्होंने भारत को पोलियो मुक्त कराया तथा कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी के लिए काम आने वाली दवा का दाम ऐक लाख रुपये से घटाकर सिर्फ 8000 रूपये दाम तय किये।
दुनिया के सबसे इमानदार नेता श्री मनमोहन सिंह जी के 10 साल के नेतृत्व को सलाम जो खुद नहीं बोलते थे सिर्फ काम बोलता था।
इसलिए 1960 के दषक में नए तरह के बीज और खाद तकनीक पर आधारित हरित क्रांति की शुरूआत की गई
1969 में बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद उनकी शाखाओं के विस्तार का उपयोग भी पिछड़े क्षेत्रों के पक्ष में किया गया।
साठ साल में कांग्रेस का योगदान। 90 के दशक के बाद एवं सन् 2000 के बाद जन्में युवाओं को गुमराह करके भ्रामक प्रचार करने वाले राष्ट्रभक्ति के ठेकेदारों की सेवा में प्रकाशित।
भाई Ravi Pathak to राष्ट्रीय कांग्रेसी विचारधारा प्रवाह के कलम से कुछ पिछले साठ साल की उपलब्धिया मिली जिनका गूगल लिंक भी गई आप भी सत्यापन कर सकते है
#साठ_साल_बेमिसाल !!
रेलवे जोन तथा उनके मुख्यालय
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(क्षेत्र -मुख्यालय)
1. मध्य मुंबई
2. पश्चिम मुंबई
3. उत्तर दिल्ली
4. पूर्व कोलकाता
5. दक्षिण चेन्नई
6. पूर्व मध्य हाजीपुर
7. पूर्व तट भुवनेश्वर
8. उत्तर मध्य इलाहाबाद
9. पूर्वोत्तर गोरखपुर
10. पूर्वोत्तर सीमा गुवाहाटी
11. उत्तर पश्चिम जयपुर
12. दक्षिण मध्य सिकंदराबाद
13. दक्षिण पूर्व मध्य बिलासपुर
14. दक्षिण पूर्व कोलकाता
15. दक्षिण पश्चिम हुबली
16. पश्चिम मध्य जबलपुर
17. कोलकाता मेट्रो कोलकाता
#साठ_साल_बेमिसाल!!
भारत के महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर - लघु और मध्यम उद्योग
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# शहर / नगर- राज्य / सम्बंधित उद्योग
1. अदोनी / आंध्र प्रदेश / सूती वस्त्र
2. अलीगढ़ / उत्तर प्रदेश / ताले
3. आनंद / गुजरात / डेरी
4. फ़िरोज़ाबाद / उत्तर प्रदेश / कांच
5. कानपुर / उत्तर प्रदेश / चमड़ा
6. लुधियाना / पंजाब / साइकिल भाग, सिलाई मशीनें, होजरी.
7. जालंधर / पंजाब / खेल का सामान
8. मुरादाबाद / उत्तर प्रदेश / पीतल का सामान
9. मैसूर / कर्नाटक / रेशम
10. सूरत / गुजरात / हीरे, कपड़ा
11. शिवकाशी / तमिलनाडू / पटाखे, माचिस
12. नेपानगर / मध्य प्रदेश / अखबारी कागज
13. गदवाल / आंध्र प्रदेश / साड़ी
#साठ_साल_बेमिसाल !!
विभिन्न पुरस्कारों के प्रथम प्राप्तकर्ता
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भारत रत्न
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भारत रत्न से सम्मानित किए जाने वाले पहले भारतीय सी० राजागोपालाचारी
राष्ट्रपति बनने वाले पहले भारत रत्न डॉ० एस्० राधाकृष्णन
मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने वाले पहले व्यक्ती लाल बहादुर शास्त्री
भारत रत्न से सम्मानित किए जाने वाले पहले वैज्ञानिक सी० वी० रमन
भारत रत्न से सम्मानित किए जाने वाले पहले और एकमात्र उद्योगपति जे० आर० डी० टाटा
भारत रत्न से सम्मानित किए जानी वाली पहली महिला श्रीमती इंदिरा गांधी
साहित्यिक पुरस्कार
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साहित्य में नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय रबिंद्रनाथ टैगोर
भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता जी० संकारा कुरुप
अंग्रेजी साहित्य के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाले पहले व्यक्ती आर० के० नारायण
अंग्रेजी साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले व्यक्ती रडयार्ड किपलिंग
बूकर पुरस्कर पाने वाले पहले भारतीय सलमान रुश्दी
बूकर पुरस्कर पाने वाली पहली भारतीय महिला अरुंधति रॉय
पुलित्जर पुरस्कार (रिपोर्टिंग वर्ग) पाने वाले पहले भारतीय गोबिंद बिहारी लाल
खेल पुरस्कार
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राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता विश्वनाथन आनंद
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की पहली महिला प्राप्तकर्ता कर्णम मल्लेश्वरी
ध्यानचंद जीवनकाल सफलता पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता अपर्णा घोष
अर्जुन पुरस्कर पाने वाले पहले क्रिकेट खिलाड़ी सलीम दुर्रानी
विज्ञान के क्षेत्र के पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित पहले भारतीय वैज्ञानिक सी० वी० रमन
भौतिक विज्ञान के क्षेत्र मे नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले वैज्ञानिक विलियम के० रेंट्जेन
नोबेल पुरस्कार पाने वाली पहली महिला मैडम क्यूरी (1903)
शौर्य पुरस्कार
परम वीर चक्र के पहले विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा
परम वीर चक्र के पहले और एकमात्र वायु सेना अधिकारी फ्लाईंग अफसर निर्मलजीत शेखों
अशोक चक्र की पहली महिला विजेता नीरजा भनोत (1987)
विदेशी पुरस्कार
निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित पहले भारतीय मोरारजी देसाई
मेगसेसे पुरस्कार से सम्मानित पहले भारतीय विनोभा भावे
फिल्म पुरस्कार
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दादासाहेब फालके पुरस्कार की पहली प्राप्तकर्ता देविका रानी
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार के पहले विजेता दिलीप कुमार
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार की पहली विजेता मीना कुमारी
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाली पहली हिंदी फिल्म मिर्जा गालिब (1954)
सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अकादमी पुरस्कार (ऑस्कर) जीतने वाली पहली फिल्म विंग्स (1927-28)
अन्य पुरस्कार
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जवाहर लाल नेहरू अंतरराष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित पहले व्यक्ती यु थांट (1965)
इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार के पहले विजेता पार्लेमेंटेरिअंस फॉर ग्लोबल एक्श्न (Parliamentarians for Global Action(1986))
उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार से सम्मानित पहले व्यक्ती श्री चंद्रशेखर (1995)
गांधी शांती पुरस्कार (भारत सरकार का) के पहले प्राप्तकर्ता जूलियस न्येरेरे (1995)
नॉर्मन बोरलॉग (हरित क्रांति के जनक) द्वारा स्थापित विश्व खाद्य पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता एम० एस० स्वामिनाथन (भारत मे हरित क्रांति के जनक), 1987
सांप्रदायिक सद्भाव पुरस्कार (व्यक्ती) के पहले प्राप्तकर्ता अश्घर अली इंजीनियर, 1997
सांप्रदायिक सद्भाव पुरस्कार (संगठन) के पहले प्राप्तकर्ता कौमी एकता न्यास , 1997
सांस्कृतिक सद्भाव के लिए टैगोर पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता पंडित रवी शंकर, 2012
हूवर मेडल के पहले एशियाई प्राप्तकर्ता (अमेरिका द्वारा इंजीनियरों को मानवता की उत्कृष्ट सेवा के लिये दिए जाने वाला प्रतिष्ठित पुरस्कार) ए० पी० जे० अब्दुल कलाम, 2008