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    Nehru : पंडित जवाहरलाल नेहरू

    पंडित जवाहरलाल नेहरू किसी भी संघी से अधिक हिन्दूवादी थे और उन्होंने आजादी के बाद जो कार्य किया वह संघी आजतक नहीं कर सके ।

    वैदिक धर्म को ही मूल सनातन धर्म के रूप में स्वीकृत किया जाता है । वेद आधारित वैदिक ज्ञान और कर्मकांड ही इसके मुख्य आधार हैं। 

    सही मायनों में आज का हिन्दू "वेद" आधारित वैदिक धर्म भी नहीं मानता बल्कि "पुराणिक" कहानियों पर 

    आधारित महापुरुषों की पूजा अर्चना करता है। वेद और
    इसके आधार पर धर्म आज अप्रसांगिक हो चुके हैं। आज का सनातन धर्म दरअसल "ब्राह्मण धर्म" है जहाँ ब्राह्मणों का कहा ही दरअसल "सनातन धर्म" है।


    वैदिक या सनातन धर्म को मानने वाले आज भारत में ना के बराबर हैं। 



    पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसी वैदिक या सनातन धर्म को इस देश में बहुसंख्यकों का धर्म बना दिया जबकि यदि सैद्धांतिक रूप से विष्लेषण किया जाए तो सनातन धर्म या वैदिक धर्म के लोग आज इस देश में "अल्पसंख्यक" हैं और मुसलमानों की आबादी से बहुत कम हैं।



    1955 के हिन्दू मैरेज ऐक्ट में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हिन्दू धर्म में उन सभी धर्मों को शामिल करा दियाजो धार्मिक आधार पर हिन्दू थे ही नहीं। उदाहरण देखिए


    सिख , जैन , बौद्ध , लिंगायत , नार्थ ईस्ट के राज्य के लोग , दलित , आदिवासी और तमिलनाडु से लेकर कर्नाटक , और दक्षिण के राज्यों के तमाम लोग सैद्धांतिक रूप से वैदिक धर्म में नहीं आते परन्तु 1955 के हिन्दू मैरेज ऐक्ट में इन सबको शामिल करके पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सभी को हिन्दू संवैधानिक रूप से हिन्दू बना कर इस देश की जनसंख्या को 77% हिन्दू कर दिया और देश का बहुसंख्यक हिन्दू हो गया। 


    गांधी जी ने भी गैर वैदिक धर्म वाले दलितों को "हरिजन" कहा और उनके प्रति "अछूत" मानसिकता के विरुद्ध आंदोलन चलाया और उनको हिन्दू धर्म में शामिल कराया।


    संघी केवल बाँटने का काम करते हैं जबकि पंडित जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गाँधी जी ने अल्पसंख्यक
    वैदिक धर्म मानने वालों की जनसंख्या को धार्मिक रूप से हिन्दू ना होने वालों के साथ मिलाकर संविधान में हिन्दू मानकर हिन्दुओं को बहुसंख्यक बना दिया।



    संधियों तुम तो बस ज़हर फैलाओ , हिन्दुओं के लिए जितना महात्मा गाँधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जो काम कर दिया संघ वह कभी नहीं कर सकता।


    एहसान मानो जवाहरलाल नेहरू का कि हिन्दू या वैदिक धर्म वाले इस देश में अल्पसंख्यक होकर भी बहुसंख्यक हो गये और मुसलमान बहुसंख्यक होकर अल्पसंख्यक।


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