पूरा नाम कमला कौल नेहरू के बारेमे
कमला कौल नेहरू (अंग्रेज़ी: Kamala Kaul Nehru, जन्म- 1 अगस्त, 1899, दिल्ली; मृत्यु- 28 फ़रवरी, 1936,
स्विट्ज़रलैण्ड) जवाहर लाल नेहरू, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारत के पहले प्रधानमंत्री की पत्नी थीं। कमला नेहरू को आज भी सौम्यता और विनम्रता की प्रतिमूर्ति के रूप में याद किया जाता है, किंतु देश के एक समृद्ध और सम्मानित परिवार की बहू होने पर भी कमला नेहरू परिवार में स्वयं को अजनबी महसूस करती रहीं।
कमला नेहरू
परिचय
कमला नेहरू दिल्ली के प्रमुख व्यापारी पंड़ित 'जवाहरलालमल' और राजपति कौल की बेटी थीं। एक भारतीय परंपरागत कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में कमला का जन्म 1 अगस्त, 1899 को दिल्ली में हुआ था। कमला कौल के दो छोटे भाई और एक छोटी बहन थी जिनके नाम क्रमश:- चंदबहादुर कौल, कैलाशनाथ कौल और स्वरूप काट्जू थी। कमला कौल का सत्रह साल की छोटी सी उम्र में ही विवाह 8 फरवरी 1916 को जवाहरलाल नेहरू से हो गया था। उनका पूरा नाम कमला कौल नेहरू था। ब्रिटिश लेखिका कैथरिन प्रैंसक ने अपनी पुस्तक 'इंदिरा: द लाइफ ऑफ इंदिरा नेहरू गांधी' में लिखा है कि दिल्ली के परंपरावादी हिंदू ब्राह्मण परिवार से सम्बंध रखने के कारण हिंदू संस्कार कमला नेहरू के चरित्र का एक प्रमुख हिस्सा थे लेकिन पश्चिमी परिवेश वाले नेहरू ख़ानदान में उन्हें एकदम विपरीत माहौल मिला जिसमें वह खुद को अलग थलग महसूस करती रहीं। उनकी बेटी तथा देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर पुस्तकें लिखने वाले लेखकों ने अपनी पुस्तकों में इस बात का प्रमुखता से उल्लेख किया है कि कमला नेहरू की धार्मिक भावनाओं को नेहरू ख़ानदान में समझा नहीं गया और वह सदैव उस परिवार में खुद को अजनबी महसूस करती रहीं। इतना सब होने पर भी कमला नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने पति जवाहरलाल नेहरू का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। नेहरू के राष्ट्रीय आंदोलन में कूदने पर कमला नेहरू को भी अपनी क्षमता दिखाने का अवसर मिला।
आन्दोलनों में भाग
1921 के असहयोग आंदोलन में उन्होंने इलाहाबाद में महिलाओं का एक समूह गठित किया और विदेशी वस्त्र तथा शराब की बिक्री करने वाली दुकानों का घेराव किया। इतिहासकारों का कहना है कि कमला नेहरू में गज़ब का आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता थी। जब उनके पति को एक बार राष्ट्रद्रोही भाषण देने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया तो वह उनकी जगह गयीं और कमला जी ने नेहरू जी का भाषण पढ़ा।
गिरफ़्तारी
मोतीलाल नेहरू (दाएं खड़े) अपने बेटे जवाहरलाल, बहू कमला नेहरू (बीच में) और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ
ब्रिटिश प्रशासन ने उन्हें दो बार गिरफ़्तार भी किया। उन्होंने महात्मा गांधी की ऐतिहासिक दांडी यात्रा में भी भाग लिया। सौम्य, छरहरी तथा विनम्रता की मूर्ति कमला नेहरू ने 19 नवम्बर 1917 में बेटी इंदिरा प्रियदर्शनी को जन्म दिया जिन्होंने अपने पिता की तरह ही भारत का नेतृत्व किया और कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष भी रहीं। कमला ने नवंबर 1924 में एक लड़के को भी जन्म दिया था, किंतु वह समय से पहले पैदा हो गया और 2 दिन बाद ही उसका निधन हो गया।
महात्मा गांधी के आश्रम में
कमला नेहरू ने कुछ समय कस्तूरबा गांधीके साथ महात्मा गांधी के आश्रम में भी व्यतीत किया, जहां उनकी जयप्रकाश नारायण की पत्नी प्रभावती देवी से गहरी मित्रता हो गयी थी।
स्विट्ज़रलैण्ड) जवाहर लाल नेहरू, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और भारत के पहले प्रधानमंत्री की पत्नी थीं। कमला नेहरू को आज भी सौम्यता और विनम्रता की प्रतिमूर्ति के रूप में याद किया जाता है, किंतु देश के एक समृद्ध और सम्मानित परिवार की बहू होने पर भी कमला नेहरू परिवार में स्वयं को अजनबी महसूस करती रहीं।
कमला नेहरू
परिचय
कमला नेहरू दिल्ली के प्रमुख व्यापारी पंड़ित 'जवाहरलालमल' और राजपति कौल की बेटी थीं। एक भारतीय परंपरागत कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में कमला का जन्म 1 अगस्त, 1899 को दिल्ली में हुआ था। कमला कौल के दो छोटे भाई और एक छोटी बहन थी जिनके नाम क्रमश:- चंदबहादुर कौल, कैलाशनाथ कौल और स्वरूप काट्जू थी। कमला कौल का सत्रह साल की छोटी सी उम्र में ही विवाह 8 फरवरी 1916 को जवाहरलाल नेहरू से हो गया था। उनका पूरा नाम कमला कौल नेहरू था। ब्रिटिश लेखिका कैथरिन प्रैंसक ने अपनी पुस्तक 'इंदिरा: द लाइफ ऑफ इंदिरा नेहरू गांधी' में लिखा है कि दिल्ली के परंपरावादी हिंदू ब्राह्मण परिवार से सम्बंध रखने के कारण हिंदू संस्कार कमला नेहरू के चरित्र का एक प्रमुख हिस्सा थे लेकिन पश्चिमी परिवेश वाले नेहरू ख़ानदान में उन्हें एकदम विपरीत माहौल मिला जिसमें वह खुद को अलग थलग महसूस करती रहीं। उनकी बेटी तथा देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर पुस्तकें लिखने वाले लेखकों ने अपनी पुस्तकों में इस बात का प्रमुखता से उल्लेख किया है कि कमला नेहरू की धार्मिक भावनाओं को नेहरू ख़ानदान में समझा नहीं गया और वह सदैव उस परिवार में खुद को अजनबी महसूस करती रहीं। इतना सब होने पर भी कमला नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने पति जवाहरलाल नेहरू का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। नेहरू के राष्ट्रीय आंदोलन में कूदने पर कमला नेहरू को भी अपनी क्षमता दिखाने का अवसर मिला।
आन्दोलनों में भाग
1921 के असहयोग आंदोलन में उन्होंने इलाहाबाद में महिलाओं का एक समूह गठित किया और विदेशी वस्त्र तथा शराब की बिक्री करने वाली दुकानों का घेराव किया। इतिहासकारों का कहना है कि कमला नेहरू में गज़ब का आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता थी। जब उनके पति को एक बार राष्ट्रद्रोही भाषण देने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया तो वह उनकी जगह गयीं और कमला जी ने नेहरू जी का भाषण पढ़ा।
गिरफ़्तारी
मोतीलाल नेहरू (दाएं खड़े) अपने बेटे जवाहरलाल, बहू कमला नेहरू (बीच में) और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ
ब्रिटिश प्रशासन ने उन्हें दो बार गिरफ़्तार भी किया। उन्होंने महात्मा गांधी की ऐतिहासिक दांडी यात्रा में भी भाग लिया। सौम्य, छरहरी तथा विनम्रता की मूर्ति कमला नेहरू ने 19 नवम्बर 1917 में बेटी इंदिरा प्रियदर्शनी को जन्म दिया जिन्होंने अपने पिता की तरह ही भारत का नेतृत्व किया और कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष भी रहीं। कमला ने नवंबर 1924 में एक लड़के को भी जन्म दिया था, किंतु वह समय से पहले पैदा हो गया और 2 दिन बाद ही उसका निधन हो गया।
महात्मा गांधी के आश्रम में
कमला नेहरू ने कुछ समय कस्तूरबा गांधीके साथ महात्मा गांधी के आश्रम में भी व्यतीत किया, जहां उनकी जयप्रकाश नारायण की पत्नी प्रभावती देवी से गहरी मित्रता हो गयी थी।