गौरक्षा दल पर मोदी के ब्यान से अचम्भे मे हे हिन्दू महासभा और मोदी भक्त
गौरक्षा दल पर मोदी के ब्यान से अचम्भे मे हे हिन्दू महासभा और मोदी भक्त:कभी सोचा नही था मौदी एेसा ब्यान दे सकते है।
नई दिल्ली: गाय के नाम पर देश में हो रही गुंडा गर्दी और राजनीति पर ग्यारह महीने बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंह खोला है।गॉय के मुद्दे पर मोदी जी का मुंह खुलते ही मोदी भक्तो के साथ-साथ हिन्दू महसभा,गौरक्षा दल कई बीजेपी मन्त्री सन्न रह गए।इनहोने कभी सोचा भी नही था कि 2017 यू पी चुनाव के लिए मौदी जी गौ रक्षको को गुंडे,असमाजिक तत्व,और रात के अंधेरो मे गलत काम करने वाले जैसे नामो से सम्बोधित कर सकते है।
अपने टाउनहॉल कार्यक्रम में डेढ़ घंटे के संबोधन के आखिरी वक्त में उन्होंने गाय पर चुप्पी तोड़ी। गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी की बात कही और अब हिंदू महासभा पीएम के बयान के खिलाफ खड़ी हो गई है।
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा ने कहा, ” अगर गौ रक्षा में कुछ घटनाये हो जाती हैं तो मारपीट करने वालों को जेल भी भेजा जाता है. लेकिन 70-80 फीसदी लोगों को अपराधी कहना गलत है।”
मुन्ना कुमार ने कहा, ”2014 के चुनाव में मोदी ने गौ हत्या पर रोक लगाने का वादा किया था, लेकिन गौ हत्या और बढ़ गयी है।उन्होने कहा अगर एक भी गौ रक्षक गिरफ्तार हुआ तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे। मोदी लोगो का संसद में ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।”
गौरतलब हे कि कल प्रधानमन्त्री मोदी ने टाउनहॉल कार्यक्रम मे बोलते हुए कहा।
गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी नहीं चलेगी। गाय के पीछे अब छुपकर अपराधी अब नहीं रह पाएंगे।कभी-कभी गोरक्षा के नाम पर कुछ लोग दुकानें खोलकर बैठ जाते हैं. मुझे इतना गुस्सा आता है…. ये लोग पूरी रात एंटी सोशल एक्टिविटी करते हैं।लेकिन दिन में गोरक्षक का चोला पहन लेते हैं।”
हालाकि पिछले साल सितंबर में, जब उत्तर प्रदेश के दादरी में गाय का मीट खाने की अफवाह फैलाकर अखलाक को पीट पीट कर मार डाला गया था। इतना सबकुछ हुआ तब प्रधानमंत्री चुप रहे। हालत ये हो गई कि इसी हफ्ते प्रधानमंत्री के ही एक विधायक ने ये तक कह दिया कि जो गुजरात में हुआ वो ठीक हुआ। गोरक्षा के नाम पर पीटा गया तो ठीक हुआ।
गुजरात में गाय के नाम पर पीटने वाले, मध्य प्रदेश में गाय की रक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने वाले, हरियाणा में गोबर खिलाने वाले और ऐसी गुंडगार्दी करने वालों के समर्थन में खड़े अपने नेताओं को अब प्रधानमंत्री ने सीधा संदेश दिया है।बहुत हुआ।अब बस करो।
मोदी के इस ब्यान की एक बडी वजह गुजरात मे बीजेपी का दलित वोटबैंक भी माना जा रहा है। जो दलित आंदोलन के बाद बीजेपी और RSS को दूर जाता दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही 2017 के यू पी चुनाव मे भी दलितो की नाराजगी बीजेपी की नय्या डुबा सकती है।