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    62 के बाद भारत ने चीन से तीन युद्ध लड़े

    बस झूठ बोलना है ..नेहरूजी को बदनाम करना है ..साहेब विदेशो मे जा कर बोल झूठ रहे है की 1962 के बाद भारत - चीन सीमा पर एक भी गोली नही चली..शर्म करो साहेब ..62 के बाद भारत ने चीन से तीन युद्ध लड़े ..और तीनो युद्ध ज़िते...सच बोलो साहेब या झूठ के लीये माफी मांगो ..अब बोलता हु मेरी शहीद इन्दिरा मा ने कैसे अपने पिता नेहरूजी का कर्ज चुकाया और कैसे बदला लिया ..

    1. Nathula युद्ध : 11 - 15 September 1967 तक चला था ये युद्ध ...11 September को चीन की सेना ने भारतीय सेना पर हमला किया था...भारतीय सेना ने जोरदार हमला बोला और चार दिनो के भीषण युद्ध के बाद चीनीयो को दौडा दौडा कर मारा...चीन ने हथीयार डाल दिये थे ..15-16 September को भारतीय सेना ने चीनी सैनिको के शव चीन को लौटा दिये थे ..






    2. Cho La युद्ध : 1 October 1967...बस एक दिन का था ये युद्ध ..सीक्कीम - तिब्बत सीमा पर...फीर हमला करने की कोशिश की थी चीन ने ..और फीर हुवा धमाका ..शायद वो दुनिया की सबसे बडी सरजिकल स्ट्राईक थी भारत की ..चीन की सीमा मे 3Km अन्दर तक घुस गयी हमारी सेना ..इतना मारा की कायरो की तरह दुम दबा कर भाग गये थे चीनी ..






    भारत के 40-88 जवान शहीद हुये थे और 400 से ज्यादा चीनीयो को काट दिया गया था..इस युद्ध के हीरो थे राजपुताना रेजिमेंट के मेजर जोशी, कर्नल राय सिंह, मेजर हरभजन सिंह, गोरखा रेजिमेंट के कृष्ण बहादुर, देवीप्रसाद...युध्द में जब भारतीय जवानों के पास गोलियां खत्म हो गयी तो उन्होंने चीनियों को अपनी खुर्की से ही काट डाला था...कई गोलिया खाने के बाद भी मेजर जोशी ने चार चीनी ऑफिसर को मार गिराया...बाद में शहीदों को उनकी वीरता के लिए सरकार ने कई सम्मान दिए।

    क्या हुवा था ईन दोनो युद्ध का नतीजा? इन्दिराजी ने सीक्कीम को 1975 मे भारत का अभीन्न अंग बना दिया ..आजतक चीन, सीक्कीम को भारत का हिस्सा नही मानता है ...


    3. ऑपरेशन फॉलकॉन 1986 : पराक्रम तो शहीद राजीव जी ने भी दिखाया था...चीन ने 1986 में अरुणाचल प्रदेश के स्ंग्दोंग्चू इलाके में हमला किया था...यह क्षेत्र तवांग के उत्तर में स्थित है...तब भी भारत ने चीन के सैनिकों को दौडा दौडा कर मारा था...भारत से मिली इस करारी हार के बाद चीन ने अपने मिलिट्री डिस्ट्रिक्‍ट कमांडर और मिलिट्री रीजन के चीफ को भी पद से हटा दिया था। उस वक्‍त भारतीय सेना की कमान जनरल सुंदरजी के हाथों में थी।

    अब बोलिये , इन्दिराजी ने नेहरूजी का बदला लिया की नही ?  और राजीवजी ने अपने नानाजी को शस्त्रो से उसी चीन सीमा पर श्रद्धांजली दी की नही ?  इन्दिराजी या राजीवजी को अमेरिका या ईजराईल जा कर भीख नही मांगनी पड़ी थी ..आँखे लाल नही , चीन की धरती को लाल कर दिया था मा बेटे ने ..उसके बाद चीन की हिम्मत नही हुयी भारत की ओर आँख उठाने की ..चीन डरता ही है कांग्रेस और गांधी परीवार से ..पैंट गीली हो जाती है चीनीयो की ..






    और साहेब आप झूठ बोलते है ? शर्म नही आती आपको जब आप देश के वीर शहीदो का आपमान करते है झूठ बोल कर? दिखावो 56" और बोलो ईजराईल की धरती से की जैसे इन्दिराजी और राजीवजी ने चीन को मारा था वैसे ही मारूँगा..जो सीक्कीम इन्दिराजी ने भारत मे मिलाया वो सीक्कीम आज खतरे मे है और आप 7 July को चीनी PM से मिलोगे ? क्यु मिलना है आपको ? मारीये पलट कर आप भी.. इन्दिराजी और राजीवजी की पवित्र आत्मा आपकी रक्षा करेगी ..मर्द बनो , कांग्रेस से सिखो और झुकावो अपना सर गांधी परीवार के चरणो मे ...
    जय हिन्द 🖐🖐🖐🖐🖐🖐🖐🖐






     
    Krishnan Iyer

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